लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विभिन्न जनपदों में शहर के बीचो-बीच बने यूपी रोडवेज (UP Roadways) के बस स्टेशन जाम का सब बनते हैं. ऐसे बस स्टेशनों को शहर से हटकर बाहर स्थापित करने को लेकर योजना बना रही है. शहर के बाहर सेटेलाइट बस स्टेशन बनाकर शहरवासियों को जाम से मुक्ति दिलाने की कवायद शुरू की गई है. अपर मुख्य सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वरलू की अध्यक्षता में मंगलवार को विभिन्न जनपदों के प्रशासनिक अधिकारियों और विभागीय आरएम/एआरएम के साथ समीक्षा बैठक संपन्न हुई. प्रमुख सचिव ने प्रदेश के प्रमुख शहरों में जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए ठोस रणनीति बनाए जाने के निर्देश दिए.
आखिर क्या है वजहः अपर मुख्य सचिव परिवहन ने कहा कि जिन शहरों में परिवहन निगम के बस स्टेशनों की अवस्थिति शहर के बीचो-बीच है और उनकी वजह से शहरवासियों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में सेटलाइट बस स्टेशन डेवलप किए जाएं. उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में आरएम/एआरएम, एडीएम व एसडीएम से संपर्क कर शहर के बाहर बस स्टेशनों को बनाए जाने की रणनीति पर कम करें. बस स्टेशनों के लिए जमीन की उपलब्धता या वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में प्रस्ताव शासन को शीघ्र भेजें. बैठक में विशेष सचिव परिवहन केपी सिंह, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.
लखनऊ के ये बस स्टेशन नहीं हटेंगेःलखनऊ में कैसरबाग, चारबाग, आलमबाग और अवध बस स्टेशन स्थापित हैं. इनमें से आलमबाग बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर बना है तो चारबाग बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर बनने के लिए सिलेक्ट हो गया है. ऐसे में इन बस स्टेशनों को शहर के बीच में होने के बावजूद नहीं हटाया जाएगा. कैसरबाग बस स्टेशन पर भी यूपीएसआरटीसी ने काफी पैसा खर्च किया है इसको हटाने की बात की जा रही है, लेकिन अभी इस पर भी कोई सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में लखनऊ के सेंटर में होते हुए भी बस स्टेशन अपनी जगह पर ही बने रहेंगे. चारबाग बस स्टेशन का पीपीपी मॉडल पर निर्माण कार्य शुरू हो रहा है तो विभूति खंड में पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन का निर्माण होने भी लगा है. अमौसी में भी पीपीपी मॉडल पर ही बस स्टेशन का निर्माण किया होगा.
पुल का जाल बिछाने का सुझावः परिवहन निगम के अधिकारियों ने आलाकमान को बस स्टेशनों को हटाने के बजाय शहर की जनता को राहत देने के लिए पुलों का जाल बिछाने की सलाह दी है. अधिकारियों का यह भी कहना है कि शहर के बीच में बस स्टेशन होने से हर तरफ के यात्री आराम से वहां पर पहुंच जाते हैं. उन्हें सुविधा मिलती है. शहर से बाहर सैटलाइट बस स्टेशन बनने से यात्रियों को और भी ज्यादा परेशानियों का ही सामना करना होगा. जहां पर बस स्टेशन की वजह से जाम की स्थिति बन रही है वहां पर जनता की सुविधा के लिए अगर पुल का निर्माण हो जाए तो बस स्टेशन हटाने की आवश्यकता न पड़े.
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