पटना :समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर पूरे देश में एक बार फिर से चर्चा शुरू है. बीजेपी की उत्तराखंड राज्य सरकार ने इसे लागू कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार बयान देते रहे हैं कि पूरे देश में इसे लागू करेंगे. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या नीतीश कुमार बिहार में लागू होने देंगे?
बिहार में UCC की संभावना कम :फिलहाल जेडीयू के नेता यह कहकर बच रहे हैं कि फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही करेंगे. इधर विपक्ष का साफ कहना है कि जदयू, भाजपा के रंग में रंग गई है. इसलिए जो बीजेपी चाहेगी, वही बिहार में भी होगा. हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नीतीश कुमार विवादास्पद मुद्दों पर अपनी अलग राय रखते रहे हैं. बिहार में इसे लागू करेंगे, इसकी संभावना कम है.
नीतीश कुमार करते रहे हैं UCC का विरोध :यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बीजेपी के साथ रहते हुए भी नीतीश कुमार शुरू से विरोध में रहे हैं. अब जब एक बार फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा पूरे देश में होने लगी है और नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं ऐसे में पूरे देश में यह लागू होने पर बिहार में लागू होगा कि नहीं एक बड़ा सवाल है.
पार्टी के नेता खुलकर बोलने से बच रहे : नीतीश कुमार के नजदीकी जदयू एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि UCC पर फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही लेंगे, क्योंकि यह राष्ट्रीय मामला है. जो फैसला मुख्यमंत्री लेंगे पार्टी उसे मानेगी. वहीं जदयू मुख्य प्रवक्ता बीजेपी को इशारों में मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.
''उत्तराखंड में जो लागू किया गया है वह राज्य के अधिकार क्षेत्र का मामला है. वैसे राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे संवेदनशील मामले पर केवल राजनीतिक रूप से नहीं बल्कि विविधता में एकता के मूल मंत्र को देखने की जरूरत हैं.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
'यूसीसी भारत और संविधान के खिलाफ' : वहीं आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि ''बीजेपी जो चाहेगी जदयू वही करेगी. वक्फ बोर्ड विधेयक मामले में ललन सिंह ने जिस प्रकार से बीजेपी का समर्थन किया है साफ है कि भाजपा की सोच में जदयू रंग गई है. वैसे सच्चाई यही है कि यूसीसी भारत और संविधान के खिलाफ है.''