रांची: सरायकेला से झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया. लेकिन उनके नामांकन के दौरान बीजेपी के शीर्ष नेताओं की गैर मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए. सवाल उठने लगे कि कहीं बीजेपी ने चंपाई सोरेन को साइडलाइन तो नहीं कर दिया. शाम होने तक इस तरह की चर्चाएं चलती रहीं, हालांकि, शाम के बाद इस मामले पर बीजेपी नेताओं ने सफाई जरूर दी.
दरअसल, हाल ही में झामुमो छोड़ चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हुए हैं. बीजेपी में आने के बाद पार्टी ने उनपर कोल्हान फतह की जिम्मेदारी सौंपी. जिसके बाद उन्होंने कई सभाएं की. वहीं चुनाव की घोषणा के बाद उन्हें सरायकेला से प्रत्याशी बनाया गया. वहीं उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से उम्मीदवार बनाया गया. इसी बाच शुक्रवार को चंपाई सोरेन ने अपना नामांकन दाखिल किया. जिसमें बीजेपी का कोई भी शीर्ष नेता शामिल नहीं हुआ. हालांकि, नामांकन के बाद आयोजित जनसभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और जमशेदपुर सांसद विद्यूत वरण महतो जरूर शामिल हुए.
क्यों उठ रहा सवाल
दरअसल, बीजेपी के जिन भी प्रत्याशियों का नामांकन हुआ है, उनमें कोई न कोई पार्टी का शीर्ष नेता शामिल हुआ है. शीर्ष नेताओं में मुख्य रूप से भाजपा के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा का नाम शामिल हैं. इनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री और दूसरे राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम भी शामिल हुए हैं. चंपाई सोरेन के नामांकन में भी असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को शामिल होना था. लेकिन वे शामिल नहीं हुए. लेकिन बाद में वे देर शाम उनसे मिलने पहुंचे. इसी को लेकर सवाल उठने लगे. क्योंकि इससे पहले किसी भी तय प्रोग्राम के बाद कोई न पहुंचा हो, ऐसा शायद ही देखने को मिला हो.
बीजेपी ने दी सफाई
चंपाई सोरेन के नामांकन में असम के सीएम और बीजेपी के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा और दूसरे बड़े नेताओं के नदारद रहने पर बीजेपी की ओर से सफाई दी गई, बीजेपी के परदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि चंपाई सोरेन को साइड लाइन नहीं किया गया है. हिमंता बिस्वा सरमा के उनके नामांकन में नहीं पहुंच पाने का कारण खराब मौसम है, इसके अलवा और कोई वजह नहीं है.