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क्यों एमपी के 3 सूरमा केंद्र से मीलों दूर? फग्गन सिंह, प्रहलाद पटेल और तोमर की मोदी से दूरी की इनसाइड स्टोरी - Faggan Tomar Prahlad Out of Modi Cabinet

दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को पद की शपथ ली. मोदी 3.0 में इस बार मध्य प्रदेश के तीन दिग्गज नेताओं का पत्ता कटा है. ये वो लोग हैं, जिन्हें पिछली सरकारों में केंद्र में मंत्री के पद मिलते रहे. जानें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते की मोदी कैबिनेट नो एंट्री की इंटरेस्टिंग वजहें.

Narendra Modi Ministers in 2024
एमपी के तीन दिग्गज नेताओं को केंद्र ने बिसराया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 5:34 PM IST

Updated : Jun 10, 2024, 8:50 PM IST

Narendra Modi Ministers In 2024: रविवार को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. नरेंद्र मोदी के साथ 30 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. जिसमें मध्य प्रदेश से 5 नेता शामिल थे. बता दें मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी एमपी के 5 नेताओं को कैबिनेट में जगह मिली थी. जो नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र खटीक, फग्गन सिंह कुलस्ते और और ज्योतिरादित्य सिंधिया थे. इस कार्यकाल में इन पांच में से तीन दिग्गज नेताओं का पत्ता कट गया. नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को इस बार मोदी 3.0 में एंट्री नहीं मिली है.

मोदी कैबिनेट की तस्वीर (Narendra Modi Twitter)

दिग्गजों को सौंपी राज्य की सियासत

आपको बता दें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को बीजेपी ने इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के रण में उतारा था. जहां प्रहलाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, तो वहीं मंडला सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते को कांग्रेस के हाथों हार झेलनी पड़ी थी. बीजेपी के इस कदम से एमपी से लेकर देश की सियासत गरमा गई थी. तीन दिग्गज नेताओं को केंद्र से लाकर राज्य की सियासत सौंप दी गई थी. हालांकि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. कैलाश विजयवर्गीय ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. जबकि नरेंद्र सिंह तोमर को एमपी विधानसभा का स्पीकर बनाया गया.

कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल (ETV Bharat)

सामाजिक और जातीय समीकरण का पूरा ध्यान

जबकि फग्गन सिंह कुलस्ते पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताते हुए लोकसभा चुनाव लड़वाया. इस बार फग्गन सिंह कुलस्ते ने जीत हासिल की. इसके बाद भी उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. कहा जा रहा है कि इन तीनों दिग्गजों को हटाने का कारण सामाजिक समीकरण है. मोदी सरकार ने टिकट बंटवारे से लेकर केंद्रीय मंत्री बनाने तक सामाजिक और जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा है. वहीं विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर देखते हुए मोदी सरकार ने अपने दिग्गजों को विधानसभा चुनाव में उतारा था. दूसरा नए और युवा चेहरों को तरजीह देना भी बड़ी वजह थी. जिसके चलते इन तीन नेताओं को एंट्री नहीं दी गई.

तीनों दिग्गजों के रिपोर्ट कार्ड से खुश नहीं थे मोदी

माना यह भी जा रहा है कि इन तीनों नेताओं के रिपोर्ट कार्ड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुश नहीं थे. नरेंद्र सिंह तोमर से नाखुश होने की सबसे बड़ी वजह बना किसान आंदोलन. देश में तीन कृषि कानून को लेकर हुए किसान आंदोलन से सरकार नरेंद्र सिंह तोमर से नाखुश थी. किसान आंदोलन के चलते सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था. वहीं फग्गन सिंह कुलस्ते के रिपोर्ट कार्ड से भी पीएम मोदी खुश नहीं थे. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव भी हार गए थे. दूसरी बड़ी वजह यह भी हो सकती है. वहीं ऐसा ही कुछ हाल प्रहलाद पटेल का भी माना जा रहा है.

विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर (ETV Bharat)

पुराने नहीं नए चेहरों को दिया मौका

वैसे इस पूरे घटनाक्रम की कहानी 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त लिखी गई थी. जब बीजेपी ने दिग्गजों को विधायकी का चुनाव लड़वाया. इसके बाद एमपी का मुख्यमंत्री चेहरा बदलना और नए चेहरे मोहन यादव को सीएम बनाना. शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव लड़वाकर केंद्र ले जाने तक की सारी कहानी पहले ही लिखी जा चुकी थी. मोदी सरकार ने बदलाव करते हुए शिवराज को मंत्रिमंडल में जगह दी. शिवराज के साथ वीरेंद्र खटीक और सिंधिया रिपीट हुए हैं. राज्यमंत्री के लिए दो नए चेहरों को मौका मिला है. बैतूल सांसद दुर्गादास उइके और धार सांसद सावित्री ठाकुर को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.

सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते (ETV Bharat)

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क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

इस घटनाक्रम पर राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं कि 'मोदी 3.0 में मध्य प्रदेश से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह तय थी. वीरेन्द्र खटीक को एसटी वर्ग से होने और सबसे सीनियर सांसद होने का इनाम मिला है. उधर मालवा क्षेत्र से आने वाली अम्बेडकर नगर सांसद सावित्री ठाकुर को मंत्री बनाया जाना प्रधानमंत्री मोदी की पसंद बताया जा रहा है. लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी पीएम मोदी ने आदिवासी समुदाय से आने वाली सावित्री ठाकुर की तारीफ की थी. फग्गन सिंह कुलस्ते भी मालवा क्षेत्र से आते हैं और इसलिए उन्हें मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली. जहां तक मंत्रीमंडल में प्रहलाद पटेल और नरेन्द्र सिंह तोमर का सवाल है तो दोनों की भूमिकाएं प्रदेश में पहले ही तय हो चुकी हैं.'

मोदी कैबिनेट में यूपी को तरजीह

इस बार मोदी मंत्रिमंडल गठन में उत्तर प्रदेश को ज्यादा तवज्जो दी गई है, जबकि लोकसभा चुनाव में यूपी का परफॉर्मेंस उतना अच्छा नहीं रहा. इस कदम से बीजेपी ने वहां जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के समीकरण को साधने की कोशिश की. यूपी से पीएम सहित 11 चेहरे शामिल हैं. जिसमें 5 ओबीसी वर्ग से हैं.

Last Updated : Jun 10, 2024, 8:50 PM IST

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