कुल्लू:हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में अब बिजली महादेव रोपवे का कार्य जल्द शुरू होने वाला है. बिजली महादेव में रोपवे बनने से जहां सैलानियों को सुविधा होगी. वहीं, पर्यटन कारोबार में भी तेजी आएगी, लेकिन देव समाज और स्थानीय लोग इस रोपवे का लगातार विरोध कर रहे हैं. अब केंद्र सरकार के प्रोजोक्ट के खिलाफ कंगना भी स्थानीय लोगों के साथ खड़ी हुई नजर आ रही हैं. उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया है कि देवता का आदेश ही सर्वोपरि है. बिजली महादेव के लिए रोपवे मामले में वो लोगों और देव समाज के साथ हैं.
इस रोपवे के निर्माण के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर 2017 को वह कुल्लू में हुई एक जनसभा से जिक्र किया था. दशकों से लटके बिजली महादेव रोपवे का निर्माण भारत सरकार की पर्वतमाला योजना के तहत किया जा रहा है. अप्रैल 2022 में पूर्व की जयराम सरकार के समय हिमाचल सरकार और नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के बीच 3,232 करोड़ की लगात से बनने वाले 7 रोपवे के लिए एमओयू हुआ था. इन सभी रोपवे की लंबाई 57.1 किलोमीटर थी. इन सात रोपवे में बिजली महादेव रोपवे भी शामिल था. उस समय बिजली महादेव रोपवे के निर्माण की लागत 200 करोड़ आंकी गई थी.
पहले स्टेज के निर्माण कार्य को अनुमति
मार्च 2024 में केंद्रीय मंत्री नितिनी गडकरी ने हमीरपुर से वर्चुअली इस रोपवे का शिलान्यास किया था. इस रोपवे का निर्माण नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंटलिमिटेड (एनएचएलएमएल) करेगी. निर्माण कंपनी को काम अवार्ड कर दिया गया है. 2022 में एमओयू के समय इसकी निर्माण लागत 200 करोड़ बताई गई थी. अब पहले स्टेज के निर्माण कार्य की अनुमति भी मिल गई है. बिजली महादेव का यह रोपवे मोनो केबल रोपवे होगा. इसकी कुल लंबाई 3.2 किलोमीटर होगी.
एक दिन में 36 हजार पर्यटक कर सकेंगे दर्शन
इस रोपवे के बनने के बाद कुल्लू के खराहल घाटी के शीर्ष पर स्थित बिजली महादेव के मंदिर पहुंचने के लिए लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना होगा. रोपवे के बन जाने से घाटी के पर्यटन को भी पंख लगेंगे. इस रोपवे के बनने से हजारों पर्यटक एक दिन में बिजली महादेव के दर्शन कर सकते हैं और यहां के पर्यटन को भी इससे काफी लाभ होगा. रोपवे ब्यास नदी के किनारे नेचर पार्क मौहल के साथ बनाया जाएगा. अभी तक बिजली महादेव के दर्शन करने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
FCA के तहत पहले चरण के निर्माण को मंजूरी
अरण्यपाल कुल्लू संदीप शर्मा ने बताया कि,'मौहल से बिजली महादेव रोपवे बनाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत पहले चरण की अनुमति मिल गई है. अब रोपवे का निर्माण कार्य आरंभ किया जा सकता है.'
क्यों हो रहा रोपवे का विरोध
रोपवे निर्माण का स्थानीय लोग और देवसमाज विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोग कह रहे हैं कि इससे उनका रोजगार खत्म हो जाएगा. इसके लिए पेड़ों का भी कटान किया जा रहा है उसके विरोध में भी ग्रामीण उतर आए हैं. कई लोग इसे देव आस्था से भी जोड़ रहे हैं. हाल ही में यहां के ग्रामीणों ने जमकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया था.