मंडी: बंदरों को भगाने के लिए किए गए फायर के दौरान एक युवती बुरी तरह से घायल हो गई थी. ये मामला बीती 28 जनवरी को मंडी के सरकाघाट में सामने आया था. घायल युवती का इस वक्त चंडीगढ़ के पीजीआई में इलाज चल रहा है. फायर करने का आरोप युवती के परिवार ने हिमाचल पुलिस के चर्चित हेड कॉन्स्टेबल मनोज ठाकुर पर लगाया है. आईए जानते हैं कौन हैं चर्चित हेड कॉन्स्टेबल मनोज ठाकुर.
मनोज ठाकुर के बने हुए फेसबुक पेज पर दी गई जानकारी के मुताबिक वो मंडी जिले के सरकाघाट के रहने वाले हैं. उन्हें सीनियर सेकेंडरी स्कूल थौना और सरकाघाट कॉलेज का छात्र भी बताया है. हालांकि ये पेज फेसबुक पर वेरिफाई नहीं है, लेकिन मनोज ठाकुर की तस्वीरें और वीडियो इस पेज पर मौजूद हैं. वहीं, वेरिफाई पेजपर मनोज ठाकुर के इस समय 445k फॉलोअर्स हैं. इस फेसबुक पेज पर वो खुद को मोटिवेशनल स्पीकर बताते हैं. मनोज ठाकुर इस समय पुलिस हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं.
उड़ी हमले के बाद सोशल मीडिया पर कविता के लिए हुए थे चर्चित
उड़ी हमले के बाद ‘कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा’ ‘धारा हर मोड़ बदलकर लाहौर से गुजरेगी मां गंगा, इस्लामाबाद की छाती पर लहराएगा भारत का तिरंगा'. 2 मिनट 10 सेकेंड की ये वीडियो पूरे देशभर में चर्चित हो गई थी. हालांकि मनोज ठाकुर ने कविता खुद नहीं लिखी थी, लेकिन वर्दी और उनकी रौबदार मूछों के चलते उनका वीडियो देशभर में वायरल हो गया था. इसके बाद मनोज ठाकुर देशभर में चर्चित चेहरा बन गए थे. उन्हें कई बड़ी टीवी चैनल्स ने अपने स्टूडियो में भी बुलाया था.
कोरोना काल में हुए सस्पेंड
वहीं, कोरोना काल में एक विवादित वीडियो के कारण उन्हें सस्पेंड भी किया गया था. ये वीडियो सदर थाना मंडी में बनाया गया था. वीडियो में मनोज ठाकुर पुलिस के डंडे को सेनेटाइज कर रहे थे. लाठियों को सेनेटाइज करते हुए वीडियो बनाया गया, जिसमें मनोज ठाकुर ये कह रहे थे कि इन डंडों को उनके लिए सेनेटाइज किया जा रहा है, जो कर्फ्यू का उल्लंघन करेंगे. वीडियो में वो कह रहे थे कि ‘लठ तो बजेगा, लेकिन कोरोना नहीं होगा’. इस वीडियो के सामने आने के बाद 2020 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था.
युवती की मां ने लगाए गंभीर आरोप
अब मनोज ठाकुर विवादों में घिर गए हैं. अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में महिला अपना नाम मंशा देवी और अपने गांव का नाम कठोगन बता रही है. वीडियो में महिला ने कहा "बीती 28 जनवरी को दोपहर करीब साढ़े 3 बजे मेरे गांव के हेड कॉन्स्टेबल मनोज ठाकुर ने बंदरों को भगाने के लिए गोली चलाई जो मेरी बेटी प्रोमिला देवी को लगी है. मेरी बेटी गोली चलने के समय आंगन में थी. घटना के वक्त मैं घास लाने गई थी. मेरे मामा घर में मौजूद थे जिन्होंने मुझे फोन पर घटना की जानकारी दी. गोली चलने के बाद सारे गांव के लोग मौके पर पहुंचे और मेरी लड़की को इलाज के लिए रिवालसर लाया गया जहां पेन किलर के इंजेक्शन लगाकर मेरी लड़की को ऑक्सीजन लगाई गई जिसके बाद मेरी लड़की को नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. वहां से एक्सरे करने के बाद डॉक्टरों ने हमें IGMC शिमला या पीजीआई चंडीगढ़ जाने की सलाह दी जिसके बाद हम अपनी बेटी को PGI चंडीगढ़ ले आए. यहां डॉक्टरों ने मेरी बेटी को भर्ती कर दिया. डॉक्टरों ने मेरी बेटी का जब सीटी स्कैन किया तो उसमें हार्ट के पास 6X4 MM गोली लगने की पुष्टि हुई है जिससे मेरी बेटी के फेफड़ों में इंफेक्शन होकर पानी भर गया है. मेरी बेटी का ऑपरेशन हुआ है और अभी मेरी बेटी की हालत सही नहीं है."
युवती की मां का वायरल वीडियो (सोशल मीडिया) मनोज ठाकुर ने नकारे आरोप
वहीं, हेड कॉन्स्टेबल मनोज ठाकुर ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि, 'मुझपर जो आरोप लगाए हैं पुलिस उनकी जांच कर रही है. मैं जांच में पूरी तरह से सहयोग के लिए तैयार हूं.'
यहां पढ़ें पूरी खबर: हिमाचल पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल पर लगे गोली चलाने के आरोप, फायर में एक लड़की हुई घायल, जानें क्या है मामला?