पेरिस/करनाल :भारत के बलराज पंवार ने आज पेरिस ओलंपिक में अपना जोरदार प्रदर्शन किया और रोइंग के पुरुष एकल स्कल्स के क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बना डाली. 25 वर्षीय बलराज ने रेपेचेज में मोनाको के क्वेंटिन एंटोगनेली के बाद दूसरा रैंक हासिल किया. वे मुकाबले में मंगोलिया के क्वेंटिन एंटोगनेली से मामूली अंतर से पीछे रहे. रेपेचेज मुकाबले में टॉप 2 प्लेयर्स क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं. अभी तक की जानकारी के मुताबिक बलराज पंवार अब 30 जुलाई को भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर क्वार्टर फाइनल के मुकाबले में शामिल होंगे.
गरीब परिवार से आते हैं बलराज पंवार :हरियाणा के करनाल के कैमला गांव निवासी बलराज पंवार की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनका जीवन आसान नहीं रहा है. वे एक गरीब परिवार से आते हैं. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मुश्किलों का सामना किया है. बलराज पंवार अपने पिता को काफी पहले ही खो चुके हैं. इसके बाद उन्हें आर्थिक समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन वे इन मुश्किलों का डटकर मुकाबला करते रहे.
कई मेडल जीत चुके हैं बलराज पंवार :बलराज पंवार ने 2020 में अपने रोइंग कैरियर की शुरुआत की थी. उन्होंने 40वें और 41वें सीनियर राष्ट्रीय रोइंग चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं. साथ ही वे गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में भी शामिल हुए थे. सेना में शामिल होने के चार साल के अंदर ही वे पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र नौकायन खिलाड़ी बन गए हैं. बलराज पंवार ने रिपब्लिक ऑफ कोरिया के चुंगजू में एशियाई और ओसियन रोइंग ओलंपिक क्वालिफिकेशन रेगाटा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पेरिस 2024 के दल में अपनी जगह बनाई थी. वे पिछले साल हांगझोऊ में हुए एशियाई खेल 2023 में चौथे स्थान पर रहे थे.
मेडल जीतने की आस :बलराज पंवार के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पहुंचने से करनाल समेत पूरे हरियाणा में जश्न का माहौल है. सभी को बलराज पंवार से मेडल की आस है. बलराज की मां ने तो पहले ही भरोसा जताया था कि उनका बेटा ओलंपिक में देश का मान बढ़ाएगा और मेडल जीतकर लाएगा. उन्होंने बलराज के लिए शनिवार को भगवान से प्रार्थना भी की थी. बलराज पंवार के पास अब ओलंपिक रोइंग कॉम्पिटीशन में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज कराने का सुनहरा मौका है.