लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना के बाद से गायब हैं. वे यूपी में नहीं हैं. माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य 5 दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. वहां भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश मंत्री परिषद की दो महत्वपूर्ण बैठकों से भी केशव नदारद रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद केशव प्रसाद मौर्य की जिम्मेदारी में बदलाव किया जा सकता है. यह बदलाव संगठन के स्तर पर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
ये भी पढ़ें:'अकेले यूपी ने ही भाजपा के 400 पार के नारे की निकाल दी हवा'; अजय राय ने मोदी-योगी पर बोला हमला
पार्टी में इस बात की चर्चा बहुत तेजी से की जा रही है कि केशव प्रसाद मौर्य को यूपी संगठन में अध्यक्ष जैसी कोई महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है. जबकि वर्तमान अध्यक्ष को बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है.
केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग और उससे पहले हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में नहीं आए थे. इसके बाद से उनके रुख को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में लगातार बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. माना जा रहा है कि वे अब अपनी भूमिका में बदलाव को लेकर कुछ उम्मीद कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें:अखिलेश यादव सहित सपा के 4 सांसदों ने विधायकी छोड़ी, कौन होगा विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष, रेस में ये नाम
केशव प्रसाद मौर्य साल 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत मिली थी, तब वे उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष थे. चुनाव के बाद यह माना जा रहा था कि उनको मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. मगर केंद्रीय नेतृत्व में केशव प्रसाद मौर्य की जगह योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया गया. केशव प्रसाद मौर्य डॉ. दिनेश शर्मा के साथ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बनाए गए. उनको लोक निर्माण विभाग भी दिया गया था.