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बसंत पंचमी कब ? जानें सरस्वती पूजन का मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व - आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा

Basant Panchmi 2024: ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा के अनुसाल 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी मनाई जाएगी. इस बार बसंत पंचमी पर उत्पाद योग बन रहा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 6, 2024, 6:05 PM IST

ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी प्रमुख त्योहारों में से एक है. बसंत पंचमी का पर्व फरवरी में बसंत ऋतु के दौरान मनाया जाता है. बसंत पंचमी के शुभ दिन शिक्षा, संगीत और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विधान है. माना जाता है कि इस दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. बसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बुधवार, 14 फरवरी 2024 को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. बसंत पंचमी पर उत्पाद योग बन रहा है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी पर विद्यालयों समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजन और यज्ञ होता है. ऐसा माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन विधि विधान से शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. नए कार्यों को शुरू करने के लिए वसंत पंचमी बेहद शुभ दिन माना गया है. मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन गृह प्रवेश करने करने या फिर नया व्यवसाय शुरू करने से घर में सुख समृद्धि और व्यवसाय में उन्नति होती है.

० शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 बजे प्रारंभ.

पंचमी तिथि समाप्त: बुधवार, 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे समाप्त.

सरस्वती पूजा मुहूर्त: सुबह 07:12 AM से 12:35 बजे

० सरस्वती पूजन मंत्र

या कुंदेंदुतुषारहारधवला,
या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणा वर दण्डमण्डित करा,
या श्वेत पद्मासना।
या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि:
देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती,
नि:शेषजाड्यापहा।।

० पूजा विधि

सुबह प्रातः काल जल्दी उठें. स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें. घर के मंदिर की साफ सफाई कर चौकी पर देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें. देवी की प्रतिमा पर पीले वस्त्र के रंग धारण करें. देवी मां को रोली चंदन, हल्दी, केसर, पीले रंग के पुष्प और अक्षत अर्पित करें. पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें. सरस्वती वंदना का पाठ करें. ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन व्रत रखने ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं.

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