कुल्लू: सनातन धर्म में देवी दुर्गा का प्रमुख स्थान है और माता दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्तों के द्वारा मंत्र जाप व कई प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं. ऐसे में नवरात्रि में भक्तों के द्वारा विभिन्न प्रकार से माता की पूजा अर्चना की जाती है ताकि उन्हें माता का आशीर्वाद मिल सके. 30 जनवरी से माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक गुप्त नवरात्रि का आयोजन होगा. ऐसे में भक्त 30 जनवरी से गुप्त नवरात्रि के दौरान माता का अनुष्ठान कर सकते हैं.
साल में चार बार आयोजित होते हैं नवरात्रि
आचार्य विजय कुमार के मुताबिक साल में चार बार नवरात्रि का आयोजन होता है. ऐसे में चैत्र मास और आश्विन मास में जहां नवरात्रि मनाई जाती है. वहीं, माघ मास और आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि का आयोजन होता है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन 30 जनवरी शाम 4 बजकर 10 मिनट पर होगा इसलिए 30 जनवरी को गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी. वहीं गुप्त नवरात्रि का समापन शुक्रवार 7 फरवरी को किया जाएगा.
30 जनवरी को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और यह मुहूर्त सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर खत्म हो जाएगा. भक्त इस दौरान कलश स्थापना कर सकते हैं. इसके अलावा दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और 12 बजकर 56 मिनट पर खत्म हो जाएगा. इस मुहूर्त में भक्त 43 मिनट तक कलश स्थापित कर सकते हैं.
गुप्त नवरात्रि में होती है तांत्रिक पूजा
आचार्य विजय कुमार ने बताया "सामान्य नवरात्रि के अवसर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती हैं लेकिन गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है ताकि भक्तों का कल्याण हो सके. गुप्त नवरात्रि का भक्तों के द्वारा ज्यादा प्रचार नहीं किया जाता. भक्त अपनी साधना को गोपनीय रखते हैं. शास्त्रों के मुताबिक गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी उसका उतना ही फल मिलेगा."