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बिहार में पश्चिम बंगाल का आलू-प्याज नहीं बिकेगा तो क्या होगा? गहराई से समझिए - BENGAL BIHAR POTATO ONION ISSUE

न्यूटन का तीसरा नियम है, 'प्रत्येक क्रिया के विपरीत और बराबर प्रतिक्रिया होती है'. इसका उदाहरण हमने क्यों दिया पढ़ें इस रिपोर्ट में.

Bengal Bihar potato onion issue
आलू-प्याज को लेकर परेशानी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 7, 2024, 7:14 AM IST

पटना :पश्चिम बंगाल सरकार ने बिहार में आने वाले आलू और प्याज की ट्रकों पर रोक लगा दिया है. इससे सीमांचल के इलाकों में आलू प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में अगर यदि पश्चिम बंगाल का आलू प्याज नहीं बिकेगा तो क्या होगा?

बंगाल सरकार का तुगलकी फरमान :बंगाल सरकार के तुगलकी फरमान की वजह से बिहार-बंगाल सीमा से सटे सीमांचल के इलाके में आलू-प्याज व्यापारियों को भारी परेशानी हो रही है.पश्चिम बंगाल सरकार ने बंगाल से आलू और प्याज बिहार ले जाने पर रोक लगा दी है. बिहार बंगाल सीमा के रामपुर चेकपोस्ट पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. ताकि बंगाल से बिहार आलू नहीं ले जाया जा सके.

बॉर्डर पर पुलिस. (ETV Bharat)

आलू-प्याज की आपूर्ति रोकी : किशनगंज सीमा से सटे बंगाल के रामपुर में आलू प्याज की मंडी है. रामपुर मंडी से किशनगंज के अलावे सीमांचल के अन्य जिले में आलू प्याज की आपूर्ति होती है. 90 के दशक में बिहार और पश्चिम बंगाल सीमा पर रामपुर में आलू व्यापारियों ने दुकान खोली थी और तब से व्यवसायी यहीं से कारोबार कर रहे हैं.

दर्जनों गाड़ियां लोड होकर खड़ी हैं : पश्चिम बंगाल सरकार के इस रुख के बाद व्यवसायी काफी परेशान हैं. आलू मंडी में दर्जनों गाड़ियां लोड होकर खड़ी हैं जिन्हें जिले के अलग अलग हिस्सों में जाना है, लेकिन इन्हें बॉर्डर पार करने नहीं दिया जा रहा है.

ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

पश्चिम बंगाल सरकार के रुख का असर : किशनगंज नगर परिषद के अध्यक्ष कृष्णदेव पासवान ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के निर्णय का असर किशनगंज और सीमांचल के इलाकों में कुछ पड़ा है. पहले दालकोला से किशनगंज सीधा व्यापार का रास्ता था. अब बायसी से बहादुरगंज होकर किशनगंज आना पड़ रहा है. जिससे व्यापारियों को अतिरिक्त खर्च हो रहा है. यही कारण है कि आलू और प्याज की कीमत में कुछ बढ़ोतरी हुई है.

''पश्चिम बंगाल सरकार बेवजह बिहार की आलू प्याज की गाड़ियों को रोक कर रखी हुई है. नासिक एवं उत्तर प्रदेश से जो गाड़ियां पश्चिम बंगाल के रास्ते बिहार में प्रवेश कर रही हैं उनको भी बेवजह रोक कर रखा गया है. पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है, लेकिन बंगाल के अधिकारियों का रुख सही नहीं है.''- इंद्रदेव पासवान, अध्यक्ष, किशनगंज नगर परिषद

रामपुर में आलू प्याज की मंडी (ETV Bharat)

'हमलोग भी गाड़ी नहीं जाने देंगे' : इंद्रदेव पासवान ने कहा कि किशनगंज नगर परिषद की सशक्त समिति की बैठक बुलाई गई. हमलोगों ने फैसला किया है कि पश्चिम बंगाल से बिहार आने वाली सभी छोटे व्यवसायिक वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी जाएगी. उन्होंने कहा बिहार के रास्ते जो भी व्यापारिक वाहन पश्चिम बंगाल जाते हैं उनको भी किशनगंज सीमा के पार नहीं होने दिया जाएगा.

ऐसे में बंगाल को भी हो जाएगी समस्या : पश्चिम बंगाल सरकार के इस रूप से ट्रेड यूनियन भी चिंतित है. कंफर्टेशन ऑफ ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पश्चिम बंगाल के इस रुख से कुछ होने वाला नहीं है. कुछ दिनों के लिए चीजें महंगी बिकेंगी. बिहार और बंगाल के बीच अनेक वस्तुओं का व्यापार होता है. ऐसे में इसका असर दोनों राज्यों के लोगों पर पड़ेगा. प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रुपए का सामान बिहार, बंगाल को भेजता है. पश्चिम बंगाल के रुख का बिहार यदि प्रतिकार करे तो इन सामानों की किल्लत पश्चिम बंगाल में हो जाएगी.

ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

बंगाल सरकार को नसीहत :कमल नोपानी का कहना है कि आखिर पश्चिम बंगाल, बिहार को क्या संदेश देना चाहती है? उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार से अपील किया कि, जो हो रहा है उसको तत्काल रोका जाए. जो सप्लाई पहले होती थी उसी अनुरूप सप्लाई शुरू हो.

''यह दो राज्यों का मामला है. सभी राज्य अपने पड़ोसी राज्य की मदद करते हैं. यदि पश्चिम बंगाल की तरफ से चीज बिहार आती है तो बिहार से भी बहुत ऐसी चीजें हैं जो बंगाल को भेजी जाती है.''- कमल नोपानी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कंफर्टेशन ऑफ ट्रेड यूनियन

कमल नोपानी का बयान (ETV Bharat)

प्रतिबंध का कारण क्या है? : पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में आलू और प्याज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए अन्य राज्यों में आलू प्याज की आपूर्ति पर रोक लगा दी है. पश्चिम बंगाल में अभी आलू 35 रु और प्याज की कीमत 60 रु प्रति किलो है. स्थानीय बाजार में मांग के अनुरूप आपूर्ति की कमी के कारण पश्चिम बंगाल सरकार ने बिहार समेत झारखंड और उड़ीसा के राज्यों में भी आलू प्याज की निर्यात पर रोक लगा दी.

बॉर्डर पर खड़े ट्रक. (ETV Bharat)

कीमत पर दिखने लगा असर : पश्चिम बंगाल सरकार के इस रोक का सबसे ज्यादा असर बिहार के सीमांचल खासकर किशनगंज इलाके में देखने को मिल रहा है. आलू और प्याज की आपूर्ति रुकने से यहां पिछले चार दिनों में आलू और प्याज की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. चार दिन के अंदर खुदरा बाजार में आलू-प्याज की कीमत में 5 से 6 रु प्रति किलो की वृद्धि हुई है.

4 दिनों में बदल गए हालात : आज किशनगंज में पुराने आलू का थोक मूल्य 3500रु प्रति क्विंटल है, चार दिन पहले यह 3000रु प्रति क्विंटल था. प्याज की बात करें तो आज किशनगंज में प्याज की कीमत 4500रु प्रति क्विंटल है. 4 दिन पहले प्याज की कीमत 4000रु प्रति क्विंटल था.

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