रायपुर:सनातन धर्म में खरमास खत्म होने के कुछ दिन बाद शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो जाता है. होली से पहले फिर शादी ब्याह का मुहूर्त नहीं रहता. इसके बाद फिर मई जून माह से शादी का सीजन शुरू हो जाता है. इस बीच लोग पहले से ही शादी की खरीदारी करने में जुट जाते हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजारों में भी शादी सीजन का बाजार सज चुका है. ग्राहक अपनी-अपनी पसंंद के मुताबिक खरीदारी कर रहे हैं. इस बीच रायपुर के बाजारों में अलग-अलग रंगों की पगड़ी, साफा और शेरवानी की डिमांड बढ़ती जा रही है.
इन चीजों का सज चुका है बाजार:दरअसल, रायपुर में शादी सीजन शुरू होते ही शादी-ब्याह से संबंधित बाजार भी गुलजार हो गया है. बाजार में दूल्हा के साथ ही घराती और बारातियों में पगड़ी और साफा पहनने का चलन भी बढ़ा है. यही कारण है कि बाजार में अलग-अलग डिजाइन और अलग-अलग रंगों में पगड़ी और साफा बिकने लगा है. लोग अपनी बजट के आधार पर साफा और पगड़ी खरीद रहे हैं. पगड़ी रेडीमेड होती है, जिसे सीधे सिर पर पहना जा सकता है, लेकिन साफा को सिर पर बांधना होता है. साफा बांधने में समय भी लगता है. मुस्लिम, सिख और सिंधी समाज के लोग दूल्हे के लिए नोटों की माला जरूर खरीदते हैं. इसके बगैर शादियां नहीं होती. इन सभी चीजों का बाजार सज चुका है.
बाजार में हर कीमत में उपलब्ध है साफा और पगड़ी:शादी सीजन और बाजार को लेकर साफा और पगड़ी का व्यापार करने वाले दुकानदारों की मानें तो दीपावली के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाता है जो कि मई के महीने तक चलेगा. दूल्हे के लिए पगड़ी बाजार में 100 रुपये से लेकर 900 रुपये तक उपलब्ध है. बराती और घरातियों के लिए 30 रुपये से लेकर 80 रुपये तक उपलब्ध है. दूल्हे के लिए साफा 1500 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक बाजार में उपलब्ध है. बाराती और घरातियों के लिए 120 रुपये से लेकर 150 रुपये तक उपलब्ध है. होली से पहले और होली के दौरान 15 से 20 दिनों तक शादियों का सीजन नहीं रहता है. होली के बाद फिर से शादी-ब्याह शुरू हो जाता है. अब तक साफा और पगड़ी का कारोबार अच्छा हो रहा है. आने वाले समय में भी अच्छे कारोबार की उम्मीद है.