नई दिल्ली/नोएडा:दिल्ली एनसीआर में इनदिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इसको देखते हुए शासन और प्रशासन की तरफ से यह निर्देश जारी किया गया है कि कोई भी खुले आसमान के नीचे ठंड में ठिठुरता हुआ नहीं सोएगा, बल्कि सभी को ठंड से राहत देने के लिए रैन बसेरे सहित अन्य स्थानों पर रखा जाएगा. फुटपाथ पर सोने वालों को भी गर्म बिस्तर उपलब्ध कराया जाएगा और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रहने की व्यवस्था कराई जाएगी. पर नोएडा में फुटपाथ पर रहने वालों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. जब वह रैन बसेरे एरिया में जाते हैं तो उन्हें गंदगी फैलाने का आरोप लगाते हुए वहां से भगा दिया जाता है, यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत में राजस्थान से आए एक परिवार ने बताया.
कड़ाके की सर्दी ने खोली प्रशासन की पोल:कड़ाके की ठंड ने हाइटेक सिटी नोएडा प्रशासन की पोल खोल कर रख दिया है. ईटीवी भारत की टीम ने कड़ाके की पड़ रही ठंड को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट की, जिसमें यह सामने आया कि प्रशासन की तरफ से जहां हर किसी को ठंड से बचने के लिए राहत देने का दावा किया जा रहा है, वहीं कुछ लोग खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर आग के सहारे मासूम बच्चों के साथ रात काटने को मजबूर है. यह हाल किसी एक स्थान का नहीं है, बल्कि नोएडा के किसी भी फुटपाथ पर देखा जा सकता है. खासकर सेक्टर 50, 41, 21ए, 49, सेक्टर 52, 51, 76 सहित तमाम ऐसे स्थान हैं, जहां पर सैंकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे मासूम बच्चों के साथ रात गुजर रहे हैं.
लोग फुटपाथ पर रहने मजबूर: नोएडा प्राधिकरण द्वारा ठंड से लोगों को राहत देने के लिए 7 रैन बसेरे का इंतजाम किया गया है, जहां सैंकड़ों लोग गर्म बिस्तर के साथ ही ओढने की भी व्यवस्था की गई है, पर इन्हें किसी भी रैन बसेरे में कोई आश्रय नहीं मिल रहा है. वहीं उनकी तरफ जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण भी ध्यान नहीं दे रहा है. फुटपाथ पर रहने वाले लोगों का कहना है कि जब वह वहां जाते हैं तो उन्हें वहां से भगा दिया जाता है.