रायपुर : मनुष्य की कुंडली में अनेक भाव होते हैं.इन्हीं भावों से आपके भविष्य का निर्धारण होता है. ज्योतिष में लिखा है 12 स्थान पर यदि राहु आ जाए तो व्यक्ति के कारागार जाने के योग बनते हैं. कारागार अर्थात जेल जाने का मतलब ये नहीं है कि व्यक्ति कोर्ट से सजा पाकर के जेल जाए. क्योंकि करोड़ों लोगों की कुंडली में राहु 12 वें घर में स्थित होता है. इसका मतलब ये नहीं है कि हर व्यक्ति जेल जाए. ऐसी स्थिति में हमें चिंतन करना चाहिए कि कहां तक सही है. ज्योतिष का यह कर्तव्य है कि व्यक्ति को विचलित ना करें. जातक में भय ना पैदा करें और उसे मानसिक रूप से परेशानी ना हो जेल के नाम से स्वाभाविक रूप से हर कोई जातक डर जाता है. इससे बचने के उपाय भी है.
12वां भाव का राहु देता है कष्ट :ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि सबसे पहली बात ये है कि ज्योतिष में लिखा है कि लग्न से 12 वें भाव का राहु कारागार योग बनाता है. यदि हम इस पर चिंतन करें और राहु का स्वभाव परेशान करना, भटकाना है तो कारागार जाने का स्वभाव भी है. उस पर चिंतन होना चाहिए. डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर कहते हैं कि जिस किसी भाव के 12 भाव में राहु स्थित होता है. वह उस भाव से संबंधित विषय में व्यक्ति को कारागार भेजता है.
'' कारागार का अर्थ यहां पर बंधन से है. वह बंधन व्यक्ति का स्वयं का रचा हुआ बंधन भी हो सकता है. ज्योतिष को यह देखना चाहिए कि राहु किस भाव से 12वें स्थान पर स्थित है. यदि वह लग्न में स्थित है, तो वह द्वितीय भाव अर्थात व्यक्ति कुटुंब और प्रॉपर्टी के मोह में बंध जाता है. वह उस स्थान को छोड़ नहीं पाता. यह भी एक प्रकार का कारागार ही है. राहु तीसरे भाव में है तो वह चतुर्थ भाव का कारागार होगा. अर्थात व्यक्ति अपनी मां के प्रति मोह अपने निवास के प्रति मोह के कारण उससे दूर नहीं जाएगा. जातक बंधन स्वयं ओढ़ लेगा."- महेंद्र कुमार ठाकुर,ज्योतिषाचार्य