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नूंह का जैवंत गांव बना टापू, 4 माह से हवा भरी ट्यूब ही सहारा, मानसून गया लेकिन संकट नहीं - WATERLOGGING IN JAIVANT VILLAGE

नूंह के जैवंत गांव के चारों तरफ मानसून सीजन से ही जलभराव है. अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका.

WATERLOGGING IN JAIVANT VILLAGE
जैवंत गांव के चारों तरफ जलभराव (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 9, 2025, 4:48 PM IST

नूंह:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 80 किमी दूर नूंह का जैवंत गांव, जो मानसून काल से अब तक नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है. जहां देखोगे वहां पानी, गांव के चारों और पानी और पानी के बीच बसा यह गांव टापू लगता है. दरअसल, मानसून में हुई भारी बारिश के चलते गांव के चारों और पानी ही पानी हो गया था. मानसून चला गया. बारिश थम गई लेकिन ये पानी जस का तस बना रहा. अब भी ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ट्यूब से मैन रोड तक जाते हैं ग्रामीण :पिछले वर्ष सितंबर माह से ग्रामीणों की कष्टमय जिंदगी कट रही है. कहीं आना - जाना हो तो ट्यूब ही सहारा है. टायर के ट्यूब में हवा भरके ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जी रहे हैं. इन्हीं ट्यूब से बच्चें स्कूल जाते हैं. सिंतबर से उत्पन्न जलभराव से गांव की सड़कें पानी में डूब गईं. पड़ोसी गांव और नजदीकी शहर से गांव का संपर्क टूट गया है. खेतों में पानी जमा होने से ग्रामीण रबी की फसल की बुआई तक नहीं कर पाए. पशुओं के लिए चारा मिलना भी बंद हो गया है. परिवार के भरण - पोषण के लाले पड़े तो ग्रामीणों ने हवा भरी ट्यूब का सहारा लिया और पिछले तीन माह से इसी ट्यूब के सहारे वे गांव से 500 मीटर दूर मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं.

जैवंत गांव के चारों तरफ जलभराव (Etv Bharat)

गांव में 20 से अधिक परिवार :सितंबर के अंत में वर्षा का सिलसिला तो थम गया, लेकिन ग्रामीणों का संकट खत्म नहीं हुआ. उन्होंने प्रशासन से लेकर शासन तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने समस्या का समाधान नहीं किया. ग्रामीणों का कहना है कि जैवंत अन्य गांव के मुकाबले नीचे है. इसलिए अन्य गांवों का पानी भी यहीं आकर ठहर गया. गांव में 20 से अधिक परिवार रहते हैं, लेकिन हालात ऐसे हैं कि घर से बाहर अगला कदम पानी में ही पड़ता है.

पानी निकासी की असफल कोशिश : ग्रामीण फारुख और अल्ली का कहना है कि "करीब दो महीने पहले उन्होंने बीडीपीओ और जिला प्रशासन से लेकर शासन तक के सामने समस्या रखी. दो - चार इंजन लगाकर दो दिन तक पानी निकासी की कोशिश की गई, लेकिन बाद में प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए". वहीं इस मामले को लेकर पुनहाना उपमंडल अधिकारी संजय कुमार का कहना है कि "जैवंत गांव का यह मामला गंभीर है. गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और पानी निकासी के लिए पंप भेजे जा रहे हैं. जल्द ही ग्रामीणों को राहत मिलेगी". एसडीएम ने बताया की पहले भी हमने पानी निकासी के लिए गांव में पंप भेजे थे, लेकिन सरपंच ने चोरी होने के डर से उन्हें वापस कर दिया था. लेकिन अब हम खुद इस समस्या को हल करेंगे.

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