फरीदाबाद: इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से कलाकार हैं, जिन्होंने मुफलिसी में अपने दिन गुजारे हैं. कई सेलेब्स ऐसे हैं, जो बुलंदियों के आसमान पर पहुंचकर सीधे जमीन पर आ गिरे हैं. ऐसे ही बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले एक एक्टर सुमित झा हैं, जो अब गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं. 1996 आयोजित नाटक उगना से मुख्य भूमिका की शुरुआत करने वाले सुमित झा कई मूवी में नजर आ चुके हैं. एक्टर सुमित झा अब तक पांच भाषाओं में फिल्म कर चुके हैं. इनको मैथिली फिल्म मिलन से पहचान मिली जो की सुपरहिट मूवी रही और उत्तर प्रदेश, बिहार में करीब डेढ़ महीने तक सिनेमा हॉल में अपनी जगह बनाई और रातों-रात सुमित झा सुपर स्टार बन गए.
चमक, शौहरत, दौलत, फेम: इस दौर में सुमित झा जहां भी जाते लोग उनकी सेल्फी लेने के लिए गाड़ियों के पीछे दौड़ पड़ते थे. लेकिन कोरोना की मार ने लोगों की जिंदगी और करियर बर्बाद कर दिया. उन्हीं में से एक है, एक्टर सुमित झा कोविड के दौरान सुमित झा के पास आई मूवी वापस हो गई. सब कुछ बंद पड़ गया. जिसके बाद सुमित झा गुमनामी की जिंदगी जीने लगे और फरीदाबाद स्थित महिंद्रा शोरूम में नौकरी करने लगे. जब सुमित झा ने महिंद्रा कंपनी शोरूम को ज्वाइन किया. किसी को नहीं पता था कि सुमित झा एक स्टार रह चुके हैं.
कई फिल्मों में निभाया किरदार: ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में एक्टर सुमित झा ने बताया कि अब तक वह पांच भाषाओं की मूवी में काम कर चुके हैं. जिसमें मुख्य रूप से आमी रवींद्रनाथ 2 (बंगाली) ओ तेरे की (हरियाणवी) फूफा का सांड आश्रम (हरियाणवी) मिलन (मैथिली) मिथिला पुत्र (मैथिली) फिल्म शामिल हैं. इसके अलावा, सुमित झा देहाती, खंडेशी भाषाओं में भी काम कर चुके हैं. सुमित झा बताते हैं कि फिल्मों में काम करते-करते वह बिहार से हरियाणा आ गए और कई फिल्मों में उन्होंने काम किया. लेकिन जैसे ही लॉकडाउन लगा, इसके बाद सब कुछ ठप हो गया. उनके पास जो काम था वह भी नहीं रहा. जिसके चलते उनकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती चली गई.
जब एक छोटी सी नौकरी पर सिमट गई जिंदगी: परिवार की रोजी-रोटी को लेकर वह इधर-उधर भटकने लगे और छोटे-छोटे काम करने लगे. इस दौरान कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें महिंद्रा शोरूम में जॉब मिली. जहां पर वह काम करके अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. इसके अलावा, सुमित झा बताते हैं कि जब मैं यहां ज्वाइन किया तब किसी को नहीं पता था कि मैं एक्टर हूं. अभी भी बहुत कम लोगों को पता है कि मैं एक्टर हूं.
पर्दे पर वापसी की आस: सुमित झा बताते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि फिर से उन्हें पर्दे पर वापसी करने का मौका मिलेगा. उन्होंने सरकार और फिल्म इंडस्ट्री से भी निवेदन किया है कि उन्हें काम मिले. वहीं, फरीदाबाद स्थित महिंद्रा शोरूम के मैनेजर देवेंद्र अधाना ने बताया कि 1 माह पहले जब इन्हें बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला, तब मुझे पता लगा कि सुमित झा फिल्म स्टार है. कई फिल्मों में काम कर चुके हैं.
गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर स्टार: आपको बता दें कि इन दिनों सुमित झा अपनी जॉब के साथ-साथ फिल्मों में भी ट्राई कर रहे हैं. ताकि उन्हें फिर से पर्दे पर आने का मौका मिले. एक समय ऐसा होता था, जब झा के पास काम की कोई दिक्कत नहीं थी. अलग-अलग भाषाओं में काम करने की वजह से सुमित झा की पॉपुलैरिटी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी. बड़े-बड़े सिनेमा हॉल में उनकी मूवी लगती थी. लेकिन लॉकडाउन के बाद एक्टर सुमित झा की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. जिसकी वजह से फिल्मी करियर को छोड़कर एक्टर सुमित झा परिवार का भरण पोषण करने के लिए निजी नौकरी करने लगे और गुमनामी की जिंदगी जीने लगे.
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