गंगरेल डैम में पचास फीसदी पानी बचा, छत्तीसगढ़ में गहरा सकता है जल संकट, धमतरी रायपुर और भिलाईवासियों के लिए आफत - Water level reduced in Gangrel Dam
छत्तीसगढ़ के बड़े डैम में से शुमार गंगरेल बांध में वाटर लेवल घटता जा रहा है. जिला प्रशासन के मुताबिक इस डैम में मार्च आते आते तक 50 फीसदी पानी बचा है. शहर के दूसरे बांधों की स्थिति भी खराब है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में जल संकट विकराल रूप धारण कर सकता है. पढ़िए ये रिपोर्ट
धमतरी: धमतरी में छत्तीसगढ़ के बड़े बांधों में शुमार गंगरेल डैम स्थित है. यहां से एक चिंताजनक खबर सामने आई है. मार्च महीने में ही गंगरेल बांध का 50 फीसदी पानी घट गया है. जिससे गर्मी के मौसम में परेशानी पैदा हो सकती है. जिले के अन्य तीन बांधों की स्थिति भी खराब है. पूरे क्षेत्र में अंडरग्राउंड वाटर लेवल में भी तेजी से गिरावट देखा जा रहा है.
धमतरी में क्या है बांधों की स्थिति: धमतरी में कुल चार बांध है. तीन डैम महानदी पर बनाया गया है और एक डैम सोंढुर नदी पर स्थित है. शहर के गंगरेल, माडम सिल्ली, दुधावा और सोंढुर बांध के पानी से भिलाई स्टील प्लांट, रायपुर नगर निगम और धमतरी नगर निगम पूरी तरह डिपेंडेंट है. इसके अलावा धमतरी, बालोद और बलौदाबाजार के इलाकों में खेती किसानी के लिए भी लोग इन्हीं बाधों पर निर्भर हैं. चारों बांध की वजह से इलाके में भूजल स्तर मेंटेन होता है. लेकिन आज इन चारों बांध की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है.
छत्तीसगढ़ में जल संकट की आहट
धमतरी के प्रमुख डैम के हालात
32 टीएमसी वाले गंगरेल बांध में 51 फीसदी पानी बचा
मुरुम सिल्ली बांध में 46 प्रतिशत वाटर का स्टॉक
दुधावा में 27 फीसदी जल बचा
सोंढुर के वॉटर स्टोरेज में भी आई कमी
धमतरी के कई गांवों में वाटर लेवल गिरा: धमतरी के कई गांवों में वाटर लेवल गिरता जा रहा है. सबसे ज्यादा भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है. कई गांवो में हैंडपंप से पानी नहीं आ रहा है. लिहाज़ा होली के बाद जिला प्रशासन निस्तारी के लिए नहरों में पानी छोड़ने को लेकर विचार कर रहा है. बांधों में उपयोगी जल की बात करें तो 12 टीएमसी के लगभग पानी ही बचा हुआ है. इसमे भिलाई, रायपुर और धमतरी के लिए पानी का कोटा शामिल है. लगभग 1 टीएमसी पानी का वाष्प के जरिए खत्म हो जाता है. इस सूरत में अगर नहरों में पानी छोड़ा गया तो लगभग सभी बांधों की स्थिति और खराब हो सकती है.
"हमारे जिले के कई बांधों में स्थिति चिंताजनक है. सारे बांध 50 फीसदी से कम की स्थिति पर आ चुके हैं. पानी का संकट सबके सामने है. ऐसे में लोगों से अपील है कि पानी की बर्बादी बिल्कुल न करें. होली पर भी पानी का ठीक ढंग से इस्तेमाल करें. पानी को जीतना रीयूज कर सकते हैं उतना ही करें. धान की फसल के अलावा दूसरे फसलों को उगाए. बेंगलुरू जैसे शहर में भी जल संकट की स्थिति है. चेन्नई में भी ऐसी स्थिति आई थी. ऐसे में लोगों को पानी का सूझबूझ से इस्तेमाल करना चाहिए. आने वाले दिनों में धमतरी में पानी का ज्यादा दोहन करने वाले कार और वॉशिंग सेंटरों पर भी नकेल कसा जा सकेगा": नम्रता गांधी, कलेक्टर, धमतरी
कलेक्टर ने किसानों से अपील की है कि धान के बाद धान की फसल न लगाए. दूसरे फसलों पर भी ध्यान दें. नागरिकों को जागरुक होना सबसे ज्यादा जरूरी है. कलेक्टर की अपील के बाद ईटीवी भारत भी लोगों से पानी का सही से इस्तेमाल करने की अपील करता है ताकि लोग जल संकट से बच सके.