पीपी तटबंध के पास दो स्टड धंसे. (ETV Bharat) बगहा: बिहार-यूपी की लाइफलाइन गंडक दियारा पार का पिपरा पिपरासी तटबंध पिछले वर्ष से ही विभाग और लोगों के लिए सरदर्द बना हुआ है. तटबंध से तकरीबन दो किमी दूर बह रही नारायणी गंडक नदी ने ऐसा यू टर्न लिया कि लगातार कटाव जारी है. एक वर्ष के भीतर गंडक नदी के कटाव के कारण पीपी तटबंध पर खतरा मंडराने लगा है. पीपी तटबंध को बचाने की जुगत में जलसंसाधन विभाग जुटा है. गदियानी टोला और रंगललही गांव के लोगों में भय का माहौल है.
तटबंध सुरक्षा में लगी टीम. (ETV Bharat) स्टड सुरक्षित कर लिया गयाः पिछले वर्ष जब गंडक नदी, कटोरा के शक्ल में कटाव करने लगी तभी से पिपरा पिपरासी तटबंध को ध्वस्त होने से बचाने के लिए जलसंसाधन विभाग दिन रात एक किया हुआ है. इसी क्रम में तटबंध को सुरक्षित रखने के लिहाज से इसके किनारे 34 स्टड बनाए गए. सोमवार की रात गदियानी टोला गांव के समीप 16.5 के सामने 16 और 17 नंबर स्टर्ड धंसने का मामला सामने आया. जलसंसाधन विभाग सुरक्षात्मक कार्य में तेजी लाया. दावा किया जा रहा है कि स्टड को सुरक्षित कर लिया गया है.
तटबंध सुरक्षा में लगी टीम. (ETV Bharat) पीपी तटबंध पर दबावः हालांकि गंडक नदी की धारा जिस तरह से लगातार पीपी तटबंध पर दबाव बनाया हुआ है और उसकी धारा ने बिल्कुल यू टर्न लिया है. उस लिहाज से यदि निकट भविष्य में पीपी तटबंध पर कोई खतरा मंडराता है और तटबंध ध्वस्त होता है तो बिहार और यूपी के कई जिले तबाह हो जाएंगे. बिहार के मधुबनी प्रखंड और गोपालगंज में बड़ी तबाही देखने को मिल सकती है. इसके अलावा यूपी के कुशीनगर जिला के कई गांवों पर इसका असर देखने को मिल सकता है.
"बैकरोलिंग के कारण 16.5 के सामने 16 और 17 नंबर स्टर्ड धंस गए थे, जिसे दुरुस्त कर लिया गया है. फिलहाल किसी तरह के खतरे और चिंता की कोई बात नहीं है. अभी भी लगातार सुरक्षात्मक कार्य चल रहे हैं. किसी तरह की अनहोनी की आशंका नहीं है." - अब्दुल हमीद, अध्यक्ष, बाढ़ कटाव बचाव संघर्ष समिति इसे भी पढ़ें-बाढ़ के कारण बेतिया के लोगों की बढ़ी मुसीबत, अब 4 महीने टापू बना रहेगा गांव, नाव ही एक मात्र सहारा - Flood In Bettiah
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