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'घबरा कर न लें पैरासिटामॉल की ओवरडोज', राजधानी पटना में बढ़े डेंगू के मरीज तो डॉक्टर ने दी सलाह

डेंगू के नए वैरिएंट से लोग घबराकर खुद ही पैरासिटामॉल की ओवरडोज लेने लगे हैं जबकि ये खतरनाक है, ऐसा कहना है IGIMS डॉक्टर का-

मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS, पटना
मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS, पटना (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 11, 2024, 10:56 PM IST

पटना : राजधानी पटना में डेंगू मरीज की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आज भी पटना के आईजीआईएमएस में चार नए मरीज को भर्ती किया गया है. इसको लेकर आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल का कहना है कि डेंगू का लक्षण है देह-हाथ में दर्द का होना, तेज बुखारा होना. इस बार जो डेंगू हो रहा है उसमें लोगों को पैर और हाथ में काफी दर्द हो रहा है और इसीलिए लोग अब इस डेंगू को लंगड़ा बुखार भी कहने लगे हैं.

पैरासिटामॉल की ओवरडोज खतरनाक : डॉ मनीष मंडल ने कहा कि लोगों को ऐसी हालत में घबराने की कोई जरूरत नहीं है. डॉक्टर जो दवा दें उसके अनुसार उन्हें डोज लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई ऐसे मरीज हैं जो दिनभर में पांच-छह बार पैरासिटामॉल का उपयोग कर रहे हैं, जो की पूरी तरह से गलत है.

मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS, पटना (ETV Bharat)

''पैरासिटामॉल का ओवरडोज लेने से लोगों को उल्टी होने लगती है. तबीयत और खराब होने लगती है और इसीलिए हम उन्हें सलाह देंगे कि पैरासिटामॉल का उपयोग दिन-रात मिलाकर सिर्फ तीन बार करना चाहिए. इस बार जो डेंगू बुखार है उसमें लोगों को पैर हाथ में काफी दर्द होता है. बुखार उतरने के बाद भी पैर और हाथ में दर्द रहता है. यह दर्द लंबे समय तक भी रह सकता है. लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.''- मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS, पटना

डेंगू में डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खाएं : डॉक्टर की सलाह लेकर वह इलाज करवा कर अच्छा हो सकते हैं. आपको बता दें कि राजधानी पटना डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है. पटना के कंकड़बाग, पाटलिपुत्र, नूतन राजधानी अंचल और बाकीपुर हॉट स्पॉट बना हुआ है. इसके अलावा दानापुर में दो, मसौढ़ी में एक, फुलवारी शरीफ में आज दो डेंगू के मरीज मिले हैं. कुल मिलाकर देखें तो राजधानी पटना में अभी तक डेंगू के 4129 मरीज हैं, जबकि पूरे बिहार में अभी तक डेंगू के मरीजों की संख्या 8267 हो गयी है.

'डेंगू का नया वैरिएंट है घबराएं नहीं' : कुल मिलाकर देखें तो डॉक्टर का साफ-साफ कहना है कि इस बार डेंगू के लक्षण कुछ अलग हैं. हाथ पैर में लोगों को काफी दर्द होता है, लेकिन प्लेटलेट्स में कोई खास गिरावट नहीं देखी जा रही है. इसीलिए डॉक्टर की सलाह से मरीजों को इलाज करवाना चाहिए. साथ ही पैरासिटामॉल की ओवरडोज उन्हें नहीं लेनी चाहिए .

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पटना : राजधानी पटना में डेंगू मरीज की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आज भी पटना के आईजीआईएमएस में चार नए मरीज को भर्ती किया गया है. इसको लेकर आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल का कहना है कि डेंगू का लक्षण है देह-हाथ में दर्द का होना, तेज बुखारा होना. इस बार जो डेंगू हो रहा है उसमें लोगों को पैर और हाथ में काफी दर्द हो रहा है और इसीलिए लोग अब इस डेंगू को लंगड़ा बुखार भी कहने लगे हैं.

पैरासिटामॉल की ओवरडोज खतरनाक : डॉ मनीष मंडल ने कहा कि लोगों को ऐसी हालत में घबराने की कोई जरूरत नहीं है. डॉक्टर जो दवा दें उसके अनुसार उन्हें डोज लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई ऐसे मरीज हैं जो दिनभर में पांच-छह बार पैरासिटामॉल का उपयोग कर रहे हैं, जो की पूरी तरह से गलत है.

मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS, पटना (ETV Bharat)

''पैरासिटामॉल का ओवरडोज लेने से लोगों को उल्टी होने लगती है. तबीयत और खराब होने लगती है और इसीलिए हम उन्हें सलाह देंगे कि पैरासिटामॉल का उपयोग दिन-रात मिलाकर सिर्फ तीन बार करना चाहिए. इस बार जो डेंगू बुखार है उसमें लोगों को पैर हाथ में काफी दर्द होता है. बुखार उतरने के बाद भी पैर और हाथ में दर्द रहता है. यह दर्द लंबे समय तक भी रह सकता है. लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.''- मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS, पटना

डेंगू में डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खाएं : डॉक्टर की सलाह लेकर वह इलाज करवा कर अच्छा हो सकते हैं. आपको बता दें कि राजधानी पटना डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है. पटना के कंकड़बाग, पाटलिपुत्र, नूतन राजधानी अंचल और बाकीपुर हॉट स्पॉट बना हुआ है. इसके अलावा दानापुर में दो, मसौढ़ी में एक, फुलवारी शरीफ में आज दो डेंगू के मरीज मिले हैं. कुल मिलाकर देखें तो राजधानी पटना में अभी तक डेंगू के 4129 मरीज हैं, जबकि पूरे बिहार में अभी तक डेंगू के मरीजों की संख्या 8267 हो गयी है.

'डेंगू का नया वैरिएंट है घबराएं नहीं' : कुल मिलाकर देखें तो डॉक्टर का साफ-साफ कहना है कि इस बार डेंगू के लक्षण कुछ अलग हैं. हाथ पैर में लोगों को काफी दर्द होता है, लेकिन प्लेटलेट्स में कोई खास गिरावट नहीं देखी जा रही है. इसीलिए डॉक्टर की सलाह से मरीजों को इलाज करवाना चाहिए. साथ ही पैरासिटामॉल की ओवरडोज उन्हें नहीं लेनी चाहिए .

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