अजमेर.प्रदेश में मानसून की दस्तक 20 से 25 जून तक हो सकती है. लिहाजा अजमेर का सिंचाई विभाग अलर्ट हो गया है. जिले में 54 बांध और तालाब हैं. इनमें से केवल 7 बांध व तालाब में पानी है, जबकि शेष सुख चुके हैं. वहीं, मानसून को देखते हुए सिंचाई विभाग अब बांध और तालाबों के रख रखाव संबंधित कार्यों को अंतिम रूप देने में लग गया है. इसके अलावा मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए और सभी बांधों व तालाबों की नियमित निगरानी की भी व्यवस्था की गई है. 15 जून से सिंचाई विभाग के खंड 2 कार्यालय में कंट्रोल रूम का संचालन भी शुरू हो जाएगा.
दरअसल, जिले में कृषि व्यवस्था पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है. बारिश नहीं होने पर किसान ट्यूबवेल से सिंचाई करते हैं. इसी तरह पेयजल के लिए अजमेर के लाइफलाइन बीसलपुर बांध है. बीसलपुर परियोजना से जिले को पानी की सप्लाई होती है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए भूजल का सहारा लेना पड़ता है. यही वजह है कि जिले के अधिकांश क्षेत्रों में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है.
इसे भी पढ़ें -बाड़मेर में सूखे तालाब, जीव दया मैत्री ग्रुप ने कलेक्टर से की टैंकरों से पानी भरवाने की मांग
बारिश की कमी ने हालात को और भी विकट बना दिया है. बारिश में बांध और तालाबों में पानी की आवक होती है, लेकिन पानी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाता है. भूजल स्तर कम होने से पानी रसातल में चला जाता है. इसी कारण भूतल पर बने बांध और तालाब ज्यादातर बारिश के बावजूद भी सूखे ही रहते हैं. जिले में सरफेस वाटर (भूमितल) और ग्राउंड वाटर (भूजल) की स्थिति दयनीय है. कई क्षेत्रों में तो ग्राउंड वाटर का स्तर 500 से 600 फीट तक पंहुच गया है.
हालत यह है कि बारिश होने के बाद भी मानसून से 5 माह पहले ही अधिकांश बांध और तालाब में पानी नहीं रहता है. इसका असर भूजल स्तर पर भी पड़ा है. तीन दशक से यही हालत बने हुए हैं और अब हालात और भी भयावह हो गए हैं. बांध और तालाब सूखने से मवेशियों और वन्यजीवों को भी पीने का पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में पानी की तलाश में वन्यजीव रिहायशी क्षेत्र में घुस आते हैं या भूख और प्यास से वन्यजीव जंगल में ही दम तोड़ देते हैं.
इन तालाब और बांधों में है पानी :अजमेर में सिंचाई विभाग के अधीन बांध और तालाबों की कुल संख्या 54 है. इनमें अजमेर उपखंड में फॉयसागर, आनासागर झील और खानपुरा तालाब, ब्यावर उपखंड में मकरेड़ा, जवाजा, राजियावास, शिवसागर न्यारा, पुष्कर सरोवर और गोविंदगढ़ बांध में पानी है, जबकि शेष सभी बांध और तालाब सूख चुके हैं.
इसे भी पढ़ें -CM भजनलाल आज लेंगे उच्च स्तरीय बैठक, प्रदेश में पानी, बिजली, हीट वेव की स्थिति की करेंगे समीक्षा - Review meeting
रीते ये तालाब और बांध :अजमेर अधीक्षण अभियंता खंड एक में सभी 30 तालाब और बांध में शून्य जलस्तर है. इनमें नारायण सागर जालिया, लोरडी बांध, देह सागर बदली, मानसागर जोताया, न्यू बरोल तालाब, अजगरा बांध, ताज सरोवर अरनिया, मदन सरोवर धनवा, मन्डोती बांध, विजय सागर फतेहगढ़, गज सागर सरवाड़, गोविंद सागर सरवाड़, सिंदूर सागर सरवाड़, बांके सागर सरवाड़, भगवंतिया सागर सरवाड़, झड़ झोड़ला तालाब सरवाड़, कोडिया सागर अराई, सुरखेली सागर अराई, किशन सागर गोगुंदा, जवाहर सागर सिरोंज, सुखसागर सिरोंज, विजय सागर लंबा, विजय सागर अकोदिया, नया सागर मोठी, लसाडिया बांध, बिसुन्दनी तालाब, नाहर सागर पिपलाज, पारा बांध फर्स्ट, पारा बांध द्वितीय और अम्बा पूरा बांध शामिल है.
अधीक्षण अभियंता कार्यालय द्वितीय खंड में 24 तालाब और बांध हैं. इनमें ब्यावर उपखंड में फुल सागर जालिया, नया तालाब बलाड़, पुराना तालाब बलाड़, राजियावास तालाब, काबरा तालाब, काली कंकार और देलवाड़ा तालाब रीते हैं. जबकि जवाजा तालाब में मामूली 1.89 फीट पानी है. किशनगढ़ उपखंड में छोटा तालाब, बड़ा तालाब रामसर, खीर संबंध रामसर, लाखोलाव तालाब हनोतिया, भीमसागर तिहरी, शिवसागर न्यारा, रूपनगढ़, रणसम्बंध नयागांव और मदन सागर दिदवारा में जलस्तर शून्य है. अजमेर उपखंड में खानपुरा तालाब में 1 फीट पानी है. ऊटडा बांध, फूल सागर कायड, फूल सागर बीर और चौरसिया वास तालाब खाली है.