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यूपी में जल संकट; कानपुर में सालाना 50 सेंटीमीटर गिर रहा जल स्तर, होगी पानी की किल्लत - Kanpur water level

मानसून सीजन निकलता जा रहा है, लेकिन बारिश नहीं हो रही है. इससे कानपुर (WATER CRISIS IN KANPUR) समेत कई शहरों का भूजल स्तर और अधिक घिसकने का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में भूगर्भ जल स्तर विभाग ने लोगों को जागरूक करने का प्लान बनाया है.

कानपुर में गहरा रहा जल संकट.
कानपुर में गहरा रहा जल संकट. (Photo Credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 5:08 PM IST

कानपुर :मानसून सीजन में बारिश न के बराबर रिकॉर्ड की जा रही है. इससे भूगर्भ जल स्तर भी लगातार नीचे खिसकता जा रहा है. भूगर्भ जलस्तर विभाग के आंकड़ों को देखें तो हर साल शहर में 50 सेंटीमीटर तक जल स्तर गिर रहा है. शहर के कल्याणपुर, नवाबगंज, नौबस्ता, दीनदयाल नगर, किदवई नगर में तो स्थिति इससे भी कहीं ज्यादा बदहाल है.

कानपुर में भूगर्भ जल स्तर का रिकार्ड. (Photo Credit-Etv Bharat)

भूगर्भ जलस्तर विभाग ने मंगलवार से आगामी 22 जुलाई तक भूगर्भ जल सप्ताह मनाने का फैसला किया है. जिसमें आमजन को पानी बचाने के लिए जागरूक किया जाएगा. विभागीय अफसरों का कहना है कि शहर में केवल 20 प्रतिशत लोगों ने ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को एक्टिव कर रखा है. 80 प्रतिशत लोग पानी बचाव को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में शहर के अंदर जलसंकट की स्थिति बन सकती है.

मानसून सीजन में काम की बात. (Photo Credit-Etv Bharat)


ढाई लाख से अधिक लगे सबमर्सिबल पंप, 50 करोड़ लीटर पानी का दोहन : भूगर्भ जलस्तर विभाग के अफसरों का दावा है कि कानपुर की करीब 60 लाख की आबादी में ढाई लाख लोगों ने अपने घरों, कार्यालयों व संस्थानों में सबमर्सिबल पंप लगवा रखे हैं. इससे रोजाना औसतन 50 करोड़ लीटर पानी का दोहन हो रहा है. इसी तरह शहर में हजारों की संख्या में वॉशिंग सेंटर खुल गए हैं. आएदिन ही सरकारी पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो रही हैं. इससे पानी लगातार बर्बाद हो रहा है. जबकि हमें पानी को बचाना है.


9 दिनों का लगा मानसून ब्रेक, 46 दिनों में केवल 173.7 मिमी.बारिश : सीएसए के मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक कानपुर और आसपास अन्य जिलों में पिछले 9 दिनों से मानसून ब्रेक लग लग गया है. एक जून से लेकर 16 जुलाई तक केवल 173.7 मिमी.बारिश रिकॉर्ड की गई है. अगर यही हाल रहा तो जल्द ही सूखा पड़ने जैसी स्थिति हो जाएगी.

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