रांची: झारखंड में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. इसका असर सड़कों पर भी दिख रहा है. सुबह 10 बजते ही तेज धूप के कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है. जबकि दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. लिहाजा, स्कूली बच्चों के हित को देखते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 30 अप्रैल से 8वीं तक की सभी कक्षाएं स्थगित रखने का आदेश जारी किया था.
यह आदेश 29 अप्रैल को जारी हुआ था. इसका असर भी हुआ. सभी सरकारी स्कूल बंद रहे. ज्यादातर निजी स्कूलों में भी 30 अप्रैल से 8वीं तक की कक्षाएं स्थगित रहीं. लेकिन कुछ स्कूलों ने सरकार के इस आदेश को संजीदगी से नहीं लिया. इनमें रांची के प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार डीपीएस और बिशप हार्टमैन एकेडमी समेत कई अन्य का नाम शामिल है.
इस लापरवाही के बाबत डीपीएस स्कूल के कई अभिभावकों ने नाम नहीं बताने की सूरत में स्कूल प्रबंधन के मनमानी पर नाराजगी जताई. अभिभावकों ने बताया कि आम दिनों की तरह 30 अप्रैल को नर्सरी से कक्षा 8 तक के बच्चों को स्कूल जाना पड़ा. बच्चों के स्कूल जाने के बाद डीपीएस प्रबंधन ने नोटिस जारी कर बताया कि 1 मई से 8वीं तक की कक्षाएं स्थगित रहेंगी.
डीपीएस स्कूल के नोटिस में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के आदेश का भी कोई जिक्र नहीं है. इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल राम सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया. उनकी जगह डीपीएस स्कूल की पीआरओ आयशा ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि 1 मई से 8वीं तक की कक्षाएं स्थगित कर दी गई है. उनसे पूछा गया कि जब शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल से ही कक्षाएं स्थगित करने का आदेश दे दिया था तो फिर उसकी अनदेखी क्यों की गई. जवाब में उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी के लिए स्कूल में आकर प्रबंधन से बात करना होगा.
शिक्षा सचिव को भी नहीं थी जानकारी
डीपीएस स्कूल की इस लापरवाही के बाबत शिक्षा विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कई बार आदेश की प्रति पहुंचने में विलंब हो जाता है. आदेश की अवहेलना के बाबत पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर 30 अप्रैल के बाद भी कोई स्कूल खुला रहता है तो जरुर कार्रवाई होगी. उनसे पूछा गया कि डीपीएस स्कूल ने 1 मई से कक्षा स्थगित करने को लेकर जो नोटिस जारी किया है, उसमें शिक्षा विभाग के आदेश का कहीं जिक्र नहीं है. जवाब में उन्होंने कहा कि इस मसले से रांची प्रशासन को अवगत कराया जाएगा.
पासवा का क्या है स्टैंड
पासवा (प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन) के अध्यक्ष आलोक दूबे ने कहा कि सरकार ने शाम के वक्त नोटिफिकेशन निकाला था. संभव है कि इसकी वजह से कई स्कूलों तक कम्यूनिकेशन नहीं पहुंच पाया हो. उनसे पूछा गया कि यह खबर सारे मीडिया में थी. सभी सरकारी स्कूल बंद थे. ज्यादातर निजी स्कूल भी बंद हैं. फिर सवाल है कि चंद निजी स्कूल प्रबंधन की तरफ से ऐसी लापरवाही कैसे हुई?