सिरमौर: गांव के बच्चों को ज्ञान मिल सके, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की एक पंचायत के ग्रामीणों ने अपनी पूरी जान झोंक दी है. ग्रामीण अपने स्तर अब तक करीब 6 लाख रुपये लगाए जा चुके है. अभी भी ग्रामीण अपने स्तर पर धन एकत्रित कर रहे हैं, ताकि बच्चों को बेहतर सुविधा मिले.
दरअसल सिरमौर के धारटीधार इलाके की कांडो कांसर पंचायत में चल रहे गवर्नमेंट हाई स्कूल कांसर को अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए सरकार से 2015 में 60 लाख के आसपास का बजट तो मिला, लेकिन जमीन संबंधी अड़चनों ने इस कार्य को लटका दिया. समय बीतता गया. इस बीच ग्रामीणों को इस बात की चिंता सता गई कि अगर वक्त पर जमीन नहीं मिली तो कहीं सरकार से मिला पैसा लैप्स न हो जाए. इस पैसे को बचाने के लिए जमीन की उपलब्धता जरूरी है. पहले ग्रामीणों ने प्राइमरी स्कूल की जमीन तलाशी, जो ऐन वक्त पर कम पड़ गई. इसके बाद एक ग्रामीण ने जमीन दान की. पैमाइश हुई तो ये जमीन भी कम पड़ी. इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल से सटी फॉरेस्ट विभाग की जमीन कागजी कार्रवाई के बाद स्कूल के नाम करवा ली.
औपचारिकताएं पूरी करने में लग गए कई साल
गवर्नमेंट हाई स्कूल कांसर में 4 अतिरिक्त कमरों के निर्माण का जिम्मा हिमुडा को मिला है. नियमानुसार भवन की कंस्ट्रक्शन के लिए साइट क्लीयर होनी चाहिए. कमरों के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने में 6 से 7 साल का वक्त लग गया. 4 बीघा जमीन स्कूल के नाम हुई, लेकिन एक और समस्या खड़ी हो गई. जब तक जमीन समतल नहीं होती, तब तक इस पर कंस्ट्रक्शन शुरू नहीं की जा सकती. लिहाजा ग्रामीणों ने चयनित जमीन पर खुद काम करना शुरू किया. श्रमदान किए गए, लेकिन जमीन की खुदाई के वक्त निकले पत्थरों ने काम रोका दिया.
आपसी सहयोग से पैसा कलेक्शन का लिया फैसला
इसी बीच काम रुकता देख ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से पैसा एकत्रित करने का फैसला लिया. 2500 की जनसंख्या वाले कांसर गांव के सैकड़ों परिवारों ने सबसे पहले 1000-1000 रुपये की राशि एकत्रित कर दो लाख से अधिक की राशि इकट्ठा की थी. कंप्रेशर और जेसीबी मौके पर बुलाई गई. मौके पर पत्थर निकालने का काम शुरू हुआ. इस जमीन से इतने अधिक पत्थर निकल चुके हैं कि प्लॉट पर भी ढेर लग गए हैं.
दूसरी कलेक्शन में 3 लाख जुटाए, तीसरी जारी
लोगों के सहयोग से इकट्ठा किया गया पैसा भी खत्म हो गया, लेकिन जमीन को समतल करने का काम पूरा नहीं हुआ. ऐसे में ग्रामीणों ने दूसरी कलेक्शन 3 लाख रुपए से अधिक की राशि एकत्रित की. अब काफी हद तक इस साइट को समतल किया जा चुका है. कुल मिलाकर अब तक 6 लाख रुपए से ज्यादा राशि लोग खुद खर्च कर चुके हैं.अभी भी एक लाख रुपए की जरूरत इस कार्य को पूरा करने के लिए है. इसके लिए ग्रामीणों ने तीसरी कलेक्शन के तौर पर 50 से 60 हजार रुपए इकट्ठा कर लिए हैं.
प्लॉट कटिंग का सारा खर्च खुद उठाया
इस स्कूल के एसएमसी अध्यक्ष कमलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि, 'प्लॉट कटिंग का सारा खर्च ग्रामीणों ने खुद उठाया है. अब तक 6 लाख रुपये से ज्यादा राशि इस पर खर्च हो चुकी है. जल्द ही स्कूल के कमरे बनकर तैयार हो जाएंगे.'