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दिल्ली का ऐसा गांव जिसने 2 अक्टूबर को मनाई 600वीं वर्षगांठ, परंपराओं को किया पुनर्जीवित - village celebrate 600th anniversary - VILLAGE CELEBRATE 600TH ANNIVERSARY

village celebrate 600th anniversary: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती दिल्ली के पीतमपुरा गांव के लिए और भी खास है. क्योंकि 2 अक्टूबर को पीतमपुरा गांव इस बार अपनी 600वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर गांव में जश्न का महौल है. लोगों ने यहां कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को याद करते हुए कई पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित किया.

ऐसा गांव जिसने 2 अक्टूबर को मनाई 600वी वर्षगांठ
ऐसा गांव जिसने 2 अक्टूबर को मनाई 600वी वर्षगांठ (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 2, 2024, 5:40 PM IST

नई दिल्ली:2 अक्टूबर को देशभर में जहां एक ओर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मन रही है. वहीं, दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में एक ऐसा गांव है जो अपना 600 वर्ष पूरे कर वर्षगांठ मना रहा है. गांव का नाम पीतमपुरा है. इसको लेकर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का आयोजन किया गया है. जिसे धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने पारंपरिक परिधान पहनकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया. शहर को विशेष रूप से सजाया और एक भव्य समारोह का आयोजन किया. इसमें विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग शामिल हुए.

पीतमपुरा के सितारों को किया गया सम्मानित:उत्सव में पीतमपुरा के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विविधता को उजागर किया गया और पूरे शहर में उत्साह का माहौल रहा. एक और खास पहल तब हुई, जब गांवों के सितारों को सम्मानित किया गया. ये वे लोग थे, जिन्होंने अपने जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया और पीतमपुरा के विकास और पहचान को एक नई ऊंचाई दी.

बुजुर्ग पीढ़ी ने हुक्का पीने की परंपरा को किया पुनर्जीवित:किसान, कलाकार, समाजसेवी, शिक्षक और अन्य क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्वों को विशेष रूप से मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया. एक अनोखा दृश्य तब देखने को मिला, जब सभी बुजुर्गों ने पारंपरिक रूप से हुक्का पीकर इस खास मौके का जश्न मनाया. यह दृश्य लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया. आयोजकों ने इसे पुराने जमाने की परंपराओं और रीति-रिवाजों को याद करने का एक अनूठा तरीका बताया, जहां बुजुर्ग पीढ़ी ने हुक्का पीने की इस प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित किया.

सभी बुजुर्गों को पगड़ी पहनाकर किया गया सम्मानित:बता दें, पीतमपुरा की 600वीं वर्षगांठ के समारोह में एक विशेष आयोजन के रूप में सभी बुजुर्गों को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया. यह परंपरा सम्मान और आदर का प्रतीक माना जाता है, और ऐसा करके बुजुर्गों के योगदान और अनुभवों को सराहा गया. इस दौरान भावुक माहौल बना रहा, क्योंकि सभी ने मिलकर अपने पूर्वजों की विरासत को याद किया और उनके प्रति आदर प्रकट किया. इस आयोजन ने युवा पीढ़ी को अपने बुजुर्गों का सम्मान करने की प्रेरणा दी.

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