आंधी तूफान से धराशायी हो गया शिव मंदिर का मुख्य द्वार, पुरातत्व विभाग की लापरवाही उजागर - Shiva temple gate collapsed - SHIVA TEMPLE GATE COLLAPSED
विदिशा जिले में तेज आंधी और तूफान से 9वीं शताब्दी के शिव मंदिर के मुख्य दरवाजा जमींदोज हो गया. बताया जा रहा है कि मंदिर जर्जर अवस्था में था, बावजूद उसके पुरातत्व विभाग ने इस और ध्यान नहीं दिया और मुख्य द्वार धराशायी हो गया.
आंधी तूफान से धराशायी हो गया शिव मंदिर का मुख्य द्वार (Etv Bharat)
आंधी तूफान से शिव मंदिर का मुख्य द्वार जमींदोज हुआ (Etv Bharat)
विदिशा।ग्यारसपुर के प्राचीन मानसरोवर तालाब के पास मां बिजासन देवी की पहाड़ी पर नौवीं सदी का बड़ा विशाल शिव मंदिर मौजूद है, जिसका द्वार आंधी तूफान में धराशाई हो गया. दरवाजे के खंभों पर गंगा जमुना की सुंदर प्रतिमा बनी हुई थी. साथ में मुख्य द्वार की चौखट पर शिवलिंग स्थापित थे, जो कि प्राचीन समय में किसी विशाल और भव्य मंदिर का मुख्य द्वार हुआ करता था. लेकिन तेज आंधी तूफान से धराशायी हो गया.
पहले ऐसा था शिव मंदिर का मुख्य द्वार (Etv Bharat)
पुरातत्व विभाग लापरवाही से मंदिर धराशायी
बता दें कि विदिशा जिले का ग्यारसपुर एक ऐतिहासिक और विरासत की नगरी है. यहां पर नौवीं और दसवीं सदी की इमारतें आज भी मौजूद हैं, जो अपने वैभवशाली एवं गौरवशाली इतिहास की ओर इशारा करती हैं. प्राचीन काल में ग्यारसपुर एक समृद्ध साली नगर रहा है. केंद्रीय पुरातत्व विभाग पर ग्यारसपुर की ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी है. उन्ही में से एक यह शिव मंदिर भी है. मंदिर हजारों वर्षों से आंधी तूफान एवं प्राकृतिक आपदाएं झेल रहा था. परंतु 2 दिन पूर्व हुई आंधी और तूफान को नहीं झेल पाया और यह ऐतिहासिक द्वार धराशाई हो गया.
ग्यारसपुर के पुरातात्विक जानकार और समाजसेवी अनुराग सोनी ने बताया है कि ''यदि पुरातत्व विभाग के द्वारा इन ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजा नहीं गया उनका संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढियां को हम अपने इतिहास के बारे में क्या बता पाएंगे.'' उन्होंने बताया है कि ''धीरे-धीरे माला देवी मंदिर के पीछे की तरफ बड़ी दरार पड़ रही है, उसके भी भविष्य में जमींदोज होने के आसार नजर आ रहे हैं. इसी प्रकार हिंडोला तोरण द्वार, बाजरा मठ, आठखम्मा आदि को भी सहेजने की आवश्यकता है, नहीं तो कुछ सालों में यह भी धराशाई हो जाएंगे.''