विदिशा।विदिशा जिले के ग्राम कोटा के रहने वाले विपिन शर्मा ने फुटबॉल में प्रदेश ही नहीं देश में भी नाम रोशन किया है. विपिन शर्मा ने इसकी शुरुआत 11वीं कक्षा से की थी. अब यह अपने जिले ही नहीं प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे हैं. विपिन शुरू से ही तेजतर्रार रहे. उनकी पढ़ाई मंडी बामोरा कैरियर कान्वेंट स्कूल में हुई. पिता कामता प्रसाद शर्मा पेशे से किसान हैं. आगे की पढ़ाई के लिए विदिशा भेज दिया. जहां विपिन की मुलाकात फुटबॉल कोच रविकांत नामदेव से हुई. उस समय विपिन शर्मा खेल स्टेडियम में कबड्डी खेलने के लिए आते थे. वहीं बारिश के दौरान कबड्डी में आ रही दिक्कतों के कारण उन्होंने कोच नामदेव के कहने पर फुटबॉल खेलना शुरू किया.
शुरू में पहनने के लिए जूते भी नहीं थे
गरीब परिवार से नाता रखने वाले विपिन बताते हैं "शुरुआत में पहनने को जूते और फुटबॉल की तैयारी करने के लिए ग्लब्स तक नहीं थे. सीनियर मयंक रघुवंशी ने किताब बेचकर दिलवाए थे. रोज पीतल मिल से विदिशा स्टेडियम तक रेल पटरी के सहारे पैदल ही अभ्यास के लिए आता था. पिता चाहते थे कि वह इंजीनियरिंग करें. लेकिन पैसों की तंगी के कारण यह होना संभव नहीं था. शुरुआती दौर में कोच रविकांत के साथ जिला और संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया." इसके बाद विपिन पर भोपाल के जाने-माने क्लब के कोचों की नजर पड़ी. 2017 में भोपाल लीग मदन महाराज क्लब से खेलने का फैसला लिया. इसके बाद एक के बाद एक बड़ी-बड़ी लीग का हिस्सा बनते रहे.
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