विदिशा। देश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और गर्मी आते ही पेयजल संकट शुरू हो जाता है. सरकार भले ही कितने दावे करे कि उन्होंने घर-घर जल पहुंचा दिया है लेकिन स्थिति इसके उलट है. जिस उम्र की बच्चियों को किताबें उठानी हैं, वह पानी से भरे 15 लीटर के कैन उठा रही हैं. गर्मी के साथ ही विदिशा में भी जल संकट गहरा गया है. बेतवा नदी बहुत प्रदूषित है. अधिकांश कुएं और बावड़ी भी सूख गए हैं. भूजल स्तर अत्यंत नीचे पहुंचने से हैंडपंप भी दम तोड़ रहे हैं.
पानी की टंकियों में लीकेज की समस्या
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लोग संघर्ष कर जैसे-तैसे एक दिन का पानी जुगाड़ कर रहे हैं. लेकिन विदिशा शहर में नगर पालिका ने कोई सबक नहीं लिया. यहां जलापूर्ति के लिए बनाई गई टंकियों से रोज हजारों लीटर पानी बह रहा है. वार्ड क्रमांक 39 में बनी पानी की टंकी से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और क्षेत्रवासी बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं. लोगों ने बताया कि दो माह से ऐसे ही हालात हैं. पीएचई विभाग के प्रभारी प्रकाश जायसवाल ध्यान नहीं दे रहे हैं. टीला खेड़ी रहवासी बताते है कि प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. पानी लीकेज हो रहा है वॉल्व खराब हैं. पाइपलाइन बढ़ाई नहीं जा रही है. वॉटर लेवल नीचे चला गया है. इसलिए पानी की कमी है और पानी जमीन पर फैल रहा है और यहां लगभग 20,000 लोग रहते हैं.
पार्षद ने जताई नाराजगी
वार्ड नंबर 39 के पार्षद दीपक कुशवाहा का कहना है कि ' 'मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पीछे पानी की टंकी है. पिछले दो महीने से अधिकारियों से पाइपलाइन बढ़ाने के लिए निवेदन कर रहे हैं. नगर पालिका के सीएमओ साहब से भी कई बार कह चुके हैं. वह कह देते हैं मैंने आदेश कर दिया है. अधिकारियों का तो हाल यह है कि ऐसा लगता है अपने आप में की शर्म आने लगी है. पार्षद बनने के बाद भी अधिकारी हमारी सुन नहीं रहे हैं. 2 महीने में मैं दो पाइप नहीं बढ़ा पाया हूं. फिलहाल नगर पालिका से टैंकर ले लिया है एक निजी ट्यूबवेल से जनता को पानी दे रहे हैं''.