मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

विदिशा के कई इलाकों में जलसंकट, बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं लोग, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - Drinking water crisis in Vidisha - DRINKING WATER CRISIS IN VIDISHA

मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. बढ़ती गर्मी के बीच कई जिलों में पानी का संकट मडराने लगा है. ऐसा ही संकट विदिशा जिले में भी देखने को मिल रहा है. जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान है. नगरपालिका के द्वारा लोगों को टैंकरों के माध्यम से पानी भिजवाया जा रहा है लेकिन वह भी नाकाम साबित हो रहा है.

DRINKING WATER CRISIS IN VIDISHA
विदिशा में पानी के लिए 'मारामारी', (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 10:57 AM IST

विदिशा में पानी के लिए 'मारामारी' (Etv Bharat)

विदिशा। देश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और गर्मी आते ही पेयजल संकट शुरू हो जाता है. सरकार भले ही कितने दावे करे कि उन्होंने घर-घर जल पहुंचा दिया है लेकिन स्थिति इसके उलट है. जिस उम्र की बच्चियों को किताबें उठानी हैं, वह पानी से भरे 15 लीटर के कैन उठा रही हैं. गर्मी के साथ ही विदिशा में भी जल संकट गहरा गया है. बेतवा नदी बहुत प्रदूषित है. अधिकांश कुएं और बावड़ी भी सूख गए हैं. भूजल स्तर अत्यंत नीचे पहुंचने से हैंडपंप भी दम तोड़ रहे हैं.

विदिशा में बढ़ा जलसंकट (etv bharat)

पानी की टंकियों में लीकेज की समस्या

जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लोग संघर्ष कर जैसे-तैसे एक दिन का पानी जुगाड़ कर रहे हैं. लेकिन विदिशा शहर में नगर पालिका ने कोई सबक नहीं लिया. यहां जलापूर्ति के लिए बनाई गई टंकियों से रोज हजारों लीटर पानी बह रहा है. वार्ड क्रमांक 39 में बनी पानी की टंकी से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और क्षेत्रवासी बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं. लोगों ने बताया कि दो माह से ऐसे ही हालात हैं. पीएचई विभाग के प्रभारी प्रकाश जायसवाल ध्यान नहीं दे रहे हैं. टीला खेड़ी रहवासी बताते है कि प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. पानी लीकेज हो रहा है वॉल्व खराब हैं. पाइपलाइन बढ़ाई नहीं जा रही है. वॉटर लेवल नीचे चला गया है. इसलिए पानी की कमी है और पानी जमीन पर फैल रहा है और यहां लगभग 20,000 लोग रहते हैं.

पानी का टैंकर पहुंचते ही उमड़ी लोगों की भीड़ (etv bharat)

पार्षद ने जताई नाराजगी

वार्ड नंबर 39 के पार्षद दीपक कुशवाहा का कहना है कि ' 'मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पीछे पानी की टंकी है. पिछले दो महीने से अधिकारियों से पाइपलाइन बढ़ाने के लिए निवेदन कर रहे हैं. नगर पालिका के सीएमओ साहब से भी कई बार कह चुके हैं. वह कह देते हैं मैंने आदेश कर दिया है. अधिकारियों का तो हाल यह है कि ऐसा लगता है अपने आप में की शर्म आने लगी है. पार्षद बनने के बाद भी अधिकारी हमारी सुन नहीं रहे हैं. 2 महीने में मैं दो पाइप नहीं बढ़ा पाया हूं. फिलहाल नगर पालिका से टैंकर ले लिया है एक निजी ट्यूबवेल से जनता को पानी दे रहे हैं''.

विदिशा में पेयजल संकट (etv bharat)

अपर्याप्त साबित हो रही है नगरपालिका की व्यवस्था

नगर की कई बस्तियों में इन दिनों रोजाना करीब 45 टैंकर पानी से आपूर्ति करने की कोशिश हो रही है, लेकिन वह भी अपर्याप्त साबित हो रही है और टैंकर के समय लोगों में आए दिन झगड़े हो रहे हैं. जहां पाइप लाइन नहीं है, या पानी कम पहुंच पाता है. वहां जलसंकट लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. नगर पालिका टैंकरों से पानी पहुंचा भी रही है, लेकिन लोगों की मांग के अनुरूप पानी नहीं मिल रहा है. अधिक से अधिक पानी भरने की होड़ से मोहल्लों में रोजाना विवाद हो रहे हैं. करैयाखेड़ा रोड, आचार्य कॉलोनी, पूरनपुरा, एकता कॉलोनी, बंटीनगर और टीलाखेड़ी सहित अन्य स्थानों पर नगर पालिका रोजाना टैंकर से पानी भेज रही है. इन स्थानों पर टैंकर का इंतजार करते लोग टैंकर आते ही दौड़ पडते हैं और अपने-अपने बर्तन, पाइप लेकर टैंकर के ऊपर चढ़कर अधिक से अधिक पानी लेने की होड़ मच जाती है.

ये भी पढ़ें:

विदिशा में धू-धू कर जलते 7 पेड़ों का हैरान करने वाला वीडियो, आसमान से गिरी बिजली और सब स्वाह

शर्मनाक! विदिशा में बारिश ने खोली दावों की पोल, मुक्तिधाम में अधजला रह गया शव

पेयजल संकट को लेकर विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने ईटीवी भारत से कहा कि ''पेयजल की समस्या को लेकर पूरे विदिशा जिले में चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, सभी क्षेत्र के लिए निरंतर हम लोगों ने समीक्षा बैठकें की हैं और इसके लिए जो भी कार्य एजेंसीज हैं, चाहे ग्राम पंचायते हो, जनपद पंचायते हो, नगर पालिकाएं हों या पीएचई डिपार्मेंट हो. सबके साथ हम इस पर निरंतर निगरानी रख रहे हैं और कहीं भी ऐसी आवश्यकता आ रही है. हम तुरंत इसको एड्रेस भी कर रहे हैं. कोशिश यह की जा रही है कि मई और जून के महीने में विशेष कर पेयजल का संकट अधिक होता है तो इस दौरान कहीं भी किसी भी प्रकार से किसी नागरिक को कोई असुविधा न हो.''

ABOUT THE AUTHOR

...view details