उज्जैन: सामाजिक न्याय परिसर में रविवार को विश्व हिंदू परिषद की महिला विंग दुर्गा वाहिनी द्वारा भव्य शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 25,000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया. इसमें साध्वी ऋतंभरा विशेष रूप से उपस्थित हुईं. उन्होंने महिलाओं को लव जिहाद, डिजिटल खतरे सहित अन्य समकालीन सामाजिक मुद्दों पर जागरूक किया. उन्होंने यह भी कहा कि, ''हिंदू धर्म स्थलों पर हिंदू समाज के लोगों को ही व्यापार करने का अधिकार होना चाहिए.''
बाबा महाकाल के किए दर्शन
साध्वी ऋतंभरा रविवार को दोपहार 12 बजे के करीब उज्जैन पहुंचीं. जहां उन्होंने सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन किए. इसके बाद साध्वी ने गर्भ गृह में जाकर भगवान महाकाल का पूजन अभिषेक किया. इस दौरान मंदिर के पुजारी ने उनको सम्मानित किया. इसके बाद साध्वी ऋतंभरा वहां से सीधे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकल गईं. कार्यक्रम में उन्होंने महिलाओं-बालिकाओं को संबोधित करते हुए कई तरह के खतरों को लेकर आगाह किया.
सड़क पर मातृ शक्ति का उमड़ा हुजूम
महिलाओं का यह कार्यक्रम लोक माता देवी अहिल्या की त्रि-शताब्दी और रानी दुर्गावती की पांच-शताब्दी उत्सव के समापन पर आयोजित हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत महाकाल मंदिर से हुई. यहां दुर्गा वाहनी की महिलाएं-बहने एकत्रित हुईं और रैली के रूप में गुदरी चौराहा, गोपाल मंदिर और अन्य स्थलों से होते हुए सामाजिक न्याय परिसर पहुंची. यह नजारा देखने लायक था, पहली बार सड़कों पर इतनी बड़ी संख्या में मातृशक्ति नजर आ रहीं थीं.
तीर्थस्थलों की पवित्रता पर जोर
साध्वी ऋतंभरा ने कहा, ''हमारे तीर्थस्थलों पर खान-पान और अन्य व्यवस्थाओं की पवित्रता अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यदि इन व्यवस्थाओं का संचालन ऐसे लोगों के हाथ में हो, जो सनातन परंपरा का पालन नहीं करते, तो उनकी पवित्रता की गारंटी कौन देगा?" उन्होंने कहा कि इस स्थिति में तुरंत बदलाव की आवश्यकता है.
धर्म और राष्ट्रीय स्वाभिमान
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि, ''हमारी परंपराएं, संस्कृति और धार्मिक स्थल भारत की आत्मा हैं. जो भगवान को भगवान नहीं मानते और भारत को मां नहीं मानते, उन्हें हमारे धर्मस्थलों पर व्यापार का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए." उन्होंने भारत के अतीत में हुए अत्याचारों और हिंदू समाज पर किए गए अन्याय का भी उल्लेख किया और कहा कि, ''इन्हें हमारे युवाओं के सामने लाने की जरूरत है ताकि वे अपनी विरासत को समझ सकें.''
बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार
साध्वी ने बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि "ये घटनाएं मन को विचलित करती हैं. उन्होंने महिलाओं से कहा कि, ''उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी." इसके अलावा साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि "संस्कार और संस्कृति परिवारों में मजबूत होने चाहिए. घर-घर में एक संस्कारित वातावरण बनाना अत्यंत आवश्यक है.'' उन्होंने भगवती अहिल्याबाई होल्कर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जीवन महिलाओं के लिए प्रेरणा है."
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महिलाओं को खतरों से किया गया आगाह
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनका आत्मविश्वास बढ़ाना था. इसके अलावा सामाजिक खतरों जैसे लव जिहाद और डिजिटल धोखाधड़ी से सतर्क करना था. साध्वी ऋतंभरा के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम महिलाओं को जागरूक और सशक्त बनाने के लिए किया गया. इस आयोजन में छोटी छोटी बच्चियां, युवतियां और महिलाएं शामिल हुई थीं. इसके अलावा मृत शक्ति संगम में महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, महंत रामनाथ महाराज, पंडित राघव दस इस्कॉन मंदिर, मुनीशानंद दास महाराज सहित अन्य संत शामिल हुए.