बर्ड फ्लू को लेकर पशु चिकित्सा विभाग अलर्ट (Video- ETV Bharat) रुद्रपुर: केरल में पालतू पक्षियों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है. उधमसिंह नगर जनपद में भी पशु चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. जनपद में ऐहतियातन पक्षियों की सैंपलिंग कराई जा रही है. जिसके बाद सैंपल को भोपाल लैब भेजा जाएगा. हालांकि जनपद में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. इसके बावजूद वन विभाग को भी पक्षियों में नजर बनाए रखने को कहा गया है.
बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट: केरल में बर्ड फ्लू के फैलने के बाद उत्तराखंड में भी अलर्ट है. उधमसिंह नगर जिले में पशु चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड में है. विभाग द्वारा वन विभाग सहित जनपद के सभी पशु चिकित्सालयों को पत्र लिख कर क्षेत्र में नजर बनाए रखने को कहा गया है. प्रभारी जिला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि केरल में बर्ड फ्लू के संक्रमण के बाद जनपद में अलर्ट जारी किया गया है. जनपद में विभिन्न पालतू पक्षियों के सैंपल लेने की कार्रवाई की जा रही है.
पक्षियों के सैंपल भोपाल भेजे जाएंगे: सैंपल एकत्रित करने के बाद उन्हें रुद्रपुर स्थित पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला के माध्यम से भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब में भेजा जाएगा. इसके अलावा वन विभाग को भी पत्र भेज कर अलर्ट किया गया है. किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाते हैं, तो तत्काल टीम को सूचना दी जाए. गौरतलब है कि केरल के अलाप्पुझा जिले में बत्तखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है. वायरस मुर्गी, कबूतर, कौआ, बत्तखों समेत किसी भी पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है. इसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने वन विभाग को जनपद के जलाशयों प्रवासी पक्षियों की भी निगरानी करने को कहा गया है.
उधमसिंह नगर में अभी बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं: जनपद के उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केके जोशी ने बताया कि अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है. इसके बावजूद सतर्कता बरती जा रही है. सैंपलिंग की जा रही है. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
केरल में फैला है बर्ड फ्लू: पिछले महीने केरल में बर्ड फ्लू के केस सामने आए थे. अलाप्पुझा में 2 पंचायत क्षेत्रों में बत्तखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. इन बत्तखों में एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी. भोपाल की लैब में इस संक्रमण की पुष्टि की गई थी. इसके बाद संक्रमित बत्तखों को मारने का अभियान चला और एडथुआ के साथ ही चेरुथाना में करीब 21 हजार बत्तखों को मारने का आदेश हुआ था.
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