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ठंड में पशुओं को भी होता है सर्दी जुकाम और बुखार, डॉक्टर ने बताए पशुधन की सुरक्षा के उपाय

पशुओं को भी इंसानों की तरह सर्दी-जुकाम, बुखार, हाइपोथर्मिया और श्वास संबंधित समस्याएं होती हैं, ठंड में डाइट और रख-रखाव का देना होता है ध्यान

ANIMAL HEALTH IN WINTER
पशुओं की सुरक्षा (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

Updated : 4 hours ago

श्रीनगर: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की एक बड़ी आबादी खेती किसानी पर ही निर्भर रहती है. किसान अपने पालतू जानवरों के माध्यम से भी अपनी आय को कमाते हैं. जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, अपने साथ बीमारियां भी लाता है. इंसान तो अपना मर्ज बता देते हैं, लेकिन जानवर नहीं बता पाते कि उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कौन सी परेशानी हो रही है.

सर्दी में पशुओं को भी होता है सर्दी जुकाम: सर्दियां आते ही इंसानों की तरह पशुओं को भी सर्दी जुकाम, बुखार शिकायत होती है. कई बार ठंड के चलते जानवरों को हाइपोथर्मिया तक हो जाता है. लेकिन ये बेजुबान अपनी बीमारी के बारे में नहीं बता पाते हैं. जब वो बीमार होते हैं तो उस मर्ज को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में ईटीवी भारत ने अपने पाठकों की जानकारी को बढ़ाने के लिए वरिष्ठ वेटनरी डॉक्टर से खास बातचीत की.

पशुओं को भी होता है सर्दी जुकाम और बुखार (VIDEO- ETV Bharat)

सर्दी में रखें पशुओं का ध्यान: उत्तराखंड में अधिकतर लोगों का जीवन पशुपालन पर ही निर्भर होता है. मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले पर्वतीय क्षेत्रों में सर्दियों के समय तापमान में अत्यधिक गिरावट देखने को मिलती है. पशुओं को भी इंसानों की तरह सर्दी-जुकाम, बुखार, हाइपोथर्मिया और श्वास संबंधित समस्याएं देखने को मिलती हैं. इन बीमारियों से ग्रसित होने पर दुधारू पशुओं की दूध की मात्रा भी घटने लगती है. वो तेजी से बीमार तक होने लगते हैं. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र के पशुपालकों को पशुओं का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकत होती है.

डॉ उत्तम कुमार ने बताए पशुओं को स्वस्थ रखने के टिप्स: सर्दियों में पालतू पशुओं जैसे गाय, भैंस और बकरी समेत अन्य जानवरों का ध्यान कैसे रखना होता है, इसको लेकर ईटीवी भारत ने राजकीय पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक डॉ. उत्तम कुमार से खास बातचीत की. डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में सर्दियों के समय तापमान एक दम गिर जाता है. इससे पशुओं में सर्दी-जुकाम, बुखार और श्वास संबंधित बीमारियां बढ़ जाती हैं. इससे दुधारू पशु भी दूध की मात्रा कम कर देते हैं. वहीं भेड़, बकरियों को सर्दी के समय श्वास की बीमारी हो जाती है.

सर्दियों में ये सावधानियां बरतें: ये सारी बीमारियां सर्दी अधिक होने पर ही पालतू पशुओं को होती हैं. सर्दी से बचाव के लिए पशुओं के बाड़े और गौशाला को अच्छे तरीके से ढकना होता है, ताकि ठंड बढ़ने पर भी पशु उससे ज्यादा प्रभावित न हो. इसके अलावा सर्दियों में पशुओं को पानी हल्का गर्म करके ही पिलाना चाहिए. इससे उनके शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है. अगर पशु को नहलाते भी हैं, तो उसे गुनगुने पानी से ही नहलाना चाहिए. प्रतिदिन गौशाला को साफ करना चाहिए. फर्श को सूखा रखना चाहिए.

सर्दियों में पशुओं को दें ऐसा आहार: सर्दियों के मौसम में पशुओं के चारे में दाने की मात्रा को बढ़ाना चाहिए. उन्हें भरपेट खाना देना चाहिए. दाने में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाना चाहिए. इसके लिये दाने में सोयाबीन की दाल या फिर उसके पौधे को चारे के रूप में दे सकते हैं. इसके साथ ही पशुओं की डाइट में अनाज के तौर पर गेहूं का दलिया, खल, चना, ग्वार बिनोला, झंगोरे का भात, सोयाबीन आदि दिया जाना चाहिए. हफ्ते में एक बार उन्हें नीम की पत्तियां खिलानी चाहिए. ये प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करती है, जो संक्रमण से पशुओं की सुरक्षा करती है.
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