वाराणसी:बाबतपुर एयरपोर्ट पर गुरुवार रात बेंगलुरु जाने के लिए 6 दिन के बच्चे को लेकर पहुंची महिला और उसके पुरुष साथी के गिरफ्तार होने के बाद मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. मानव तस्करी का कर्ता धर्ता अस्पताल का डॉक्टर ही निकला. वाराणसी से सटे चंदौली के दुल्हीपुर इलाके में केबी हॉस्पिटल के नाम से संचालित होने वाले अस्पताल के मालिक और कई सालों से डॉक्टर बनकर बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले डॉक्टर जमील खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की गिरफ्त में जमील के अलावा अशोक पटेल और वह महिला भी आई है, जिसने बच्चे को 50000 में खरीदा था. 6 दिन के इस बच्चे का बाकायदा एक फ्लाइट टिकट खरीदा गया था और यात्रा करने के लिए महिला अपने सहयोगी के साथ एयरपोर्ट पर पहुंची थी. जहां एयरपोर्ट स्टाफ को शक होने पर पुलिस को सूचना दी गई थी. अब उन महिलाओं की भी तलाश की जा रही है, जो ऐसी मजबूर महिलाओं को पकड़ कर लाती थीं.
ऐसे हुआ खुलासा :दरअसल इस पूरे मामले में फूलपुर थाने की पुलिस ने जब बच्चे संग पकड़ी गई महिला निधि सिंह से पूछताछ शुरू की तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. पूछताछ में पता चला कि किस तरह से अशोक ने इस बच्चे को 50000 में दुल्हीपुर में संचालित होने वाले केबी हॉस्पिटल के मालिक डॉ. जमील अहमद से खरीदा था. पूछताछ में यह बात सामने आई है कि डॉक्टर ने बच्चा उपलब्ध करवाने के लिए वंदना पटेल के भाई अशोक पटेल से वादा किया था. क्योंकि वंदना को कोई संतान नहीं थी इसलिए अशोक ने उसे एक बच्चा गोद लेने की सलाह दी थी. उसने बहन से वादा किया था कि बच्चा वो देगा. इस वादे को पूरा करने के लिए उसने डॉक्टर से एक 6 दिन का बच्चा 50000 में खरीदा था.
50000 में खरीदा था :पूछताछ में अशोक पटेल ने बताया कि डॉक्टर जमील खान ने 19 तारीख को उसे फोन करके बताया कि एक बच्चा है, लेकिन उसके लिए उसे 50000 का भुगतान करना होगा. यह सुनकर उसने इस बात पर हामी भर दी. जिसके बाद डॉक्टर खान ने 19 तारीख को ही उस महिला से बच्चा ले लिया, जो पालने में असमर्थ थी. बच्चा लेने के बाद दो दिनों तक डॉक्टर ने उसे अपने अस्पताल में ही रखा और उसका पालन पोषण करता रहा. 22 अगस्त को अशोक पटेल नवजात को लेकर बेंगलुरु के लिए रवाना होने वाला था. उसके साथ उसकी सहयोगी निधि सिंह भी मौजूद थी.