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दून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में मंत्री का लिया सैंपल विभाग से गायब, हजार करोड़ की योजना का लास्ट प्रोजेक्ट लटका

देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 19 कार्य पूरे हो चुके, ग्रीन बिल्डिंग का काम है अधूरा, अब तक 750 करोड़ रुपए हुए हैं खर्च

DOON SMART CITY PROJECT WORKS
दून स्मार्ट सिटी परियोजना कार्यों की समीक्षा बैठक लेते मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Photo courtesy- Urban Development Department)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

Updated : 2 hours ago

देहरादून: शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में हजार करोड़ के स्मार्ट सिटी की तमाम परियोजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान लास्ट प्रोजेक्ट ग्रीन बिल्डिंग के काम की रफ्तार पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कार्यों की समीक्षा बैठक: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा करने के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि सभी काम लगभग पूरे हो चुके हैं. क्रैश बिल्डिंग, मॉडर्न दून लाइब्रेरी, स्मार्ट वाटर एटीएम, परेड ग्राउंड रिनोवेशन, ड्रेन, स्मार्ट रोड सहित 19 वर्क पूरी तरह सम्पन्न हो चुके हैं. एक आखिरी प्रोजेक्ट ग्रीन बिल्डिंग का काम देर से शुरू होने की वजह से अभी भी चल रहा है.

दून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक (VIDEO- ETV Bharat)

ग्रीन बिल्डिंग का काम धीमा: ग्रीन बिल्डिंग के काम में हो रही देरी पर मंत्री अग्रवाल ने कार्यदाई संस्था के साथ साथ स्मार्ट सिटी की तरफ से मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारियों को भी लापरवाही के लिए खरी खोटी सुनाई. बैठक में मंत्री ने ग्रीन बिल्डिंग निर्माण के निरीक्षण के दौरान भरे गए सैंपल का भी अपडेट लिया, जिसकी किसी को कोई जानकारी नहीं थी. मंत्री ने बैठक में कार्यदाई संस्था और स्मार्ट सिटी के आधिकारियों से सैंपल टेस्टिंग की रिपोर्ट की जानकारी मांगी, लेकिन किसी को कुछ मालूम नहीं था. इस पर मंत्री काफी गुस्सा हुए. उन्होंने बैठक में अधिकारियों को ग्रीन बिल्डिंग के बचे हुए काम को अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है.

शहरी विकास मंत्री ने गिनाए विकास कार्य: शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के कार्य समय सीमा के अन्तर्गत पूर्ण किये गये हैं. उन्होंने कहा कि शहर के 10 वार्डों में स्मार्ट सिटी के कार्य कराये गये हैं. 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन 10 वार्डों से बाहर भी निरंतर किया जा रहा है. स्मार्ट सिटी द्वारा दी गयी कूड़ा गाड़ी भी पूरे नगर निगम क्षेत्र में कार्य कर रही है.

स्मार्ट सिटी बनाने में खर्च हो चुके 750 करोड़ रुपए: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत 01 हजार करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जानी थी. इसमें से 750 करोड़ रुपये विभिन्न विकास कार्यों में व्यय किये जा चुके हैं. उन्होंने शहर भर में लगाये गये सीसीटीवी कैमरों की भी समीक्षा की. इसमें अधिकारियों द्वारा बताया गया कि शहर भर में लगभग 674 कैमरे लगाये गये हैं. इनमें से लगभग 496 कैमरे सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं. विभिन्न जगहों पर रोड कटिंग तथा अन्य कार्यों की वजह से शेष कैमरे कार्यरत नहीं हैं. इस पर विभागीय मंत्री ने त्वरित कार्रवाई कर शेष कैमरों को सुचारू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया.
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Last Updated : 2 hours ago

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