ETV Bharat / state

टिहरी में पोल्ट्री फार्म बनकर हुआ तैयार, पैरेंटल स्टाक के साथ जल्द शुरू होगा कैंपस - TEHRI POULTRY FARM

टिहरी के थौलधार में पोल्ट्री फार्म बनकर तैयार हो चुका है. जल्द पैरेंटल स्टॉक मंगवाकर कैंपस की शुरुआत की जाएगी.

TEHRI POULTRY FARM
टिहरी में पोल्ट्री फार्म बनकर हुआ तैयार (PHOTO-ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 22, 2025, 4:09 PM IST

टिहरी: जिले का पहला दो करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला राजकीय कुक्कुट परिक्षेत्र (पोल्ट्री फार्म) छाम का भवन कैंपस विकासखंड मुख्यालय में लगभग 6 माह पहले बन कर तैयार हो गया था. अब विभागीय हैंड ओवर होने के बाद इसका लाभ जल्द ही लोगों को मिल पाएगा. विकासखंड मुख्यालय थौलधार के परिसर में राजकीय कुक्कुट परिक्षेत्र कैंपस का भवन बनकर तैयार हो गया. जिसके लिए बाकायदा विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था बैकप के लिए जनरेटर व्यवस्था के साथ एप्रोच मार्ग भी बनकर तैयार हो चुका है.

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी टिहरी डीके शर्मा ने बताया कि-

कुक्कुट परिक्षेत्र को शुरू करने की तैयारी गतिमान है. पैरेंटल स्टॉक (मुर्गियों के चूजे) रखने के लिए उपयुक्त स्थान और जरूरी व्यवस्थाएं पूर्ण हो चुकी हैं. विद्युत व्यवस्था बाधित होने पर बैकअप के लिए जनरेटर आदि की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. हमारा लक्ष्य कैंपस को फरवरी माह से शुरू करने का था. लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में इन दिनों बर्ल्ड फ्लू जैसी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है. पैरेंटल स्टॉक इन्हीं राज्यों से आने हैं. इसलिए हमें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. हम इस ओर लगातार संपर्क कर रहे हैं. जैसे ही हमें वहां से सिग्नल मिलता है, जल्द ही पैरेंटल स्टॉक को मंगवाकर कैंपस की शुरुआत की जाएगी.
-डीके शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, टिहरी गढ़वाल-

इसके बाद 6 माह के अंदर हैचर मशीनों से अंडों के द्वारा चूजे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. टिहरी, उत्तरकाशी जिले में इस तरह का मुर्गियों के चूजों को तैयार करने वाला यह पहला परिक्षेत्र है. इस परिक्षेत्र में पैरेंटल स्टॉक (मुर्गियों के अंड्डों) से हैचर मशीनों की सहायता से मुर्गियों के चूजे तैयार किए जाएंगे.

परिक्षेत्र में तैयार मुर्गियों के चूजों को पहले चरण में टिहरी और उत्तरकाशी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मुर्गी पालक और जरूररत मंद लोगों को उचित दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा. ये स्वरोजगार की दिशा में एक अहम कदम होगा. इसके बाद अन्य जिलों में भी सप्लाई किए जाएंगे. अब तक इस तरह के रोजगार करने के लिए लोग बाहर से चूजों की खरीदारी करने पर निर्भर रहते थे. अब लोगों को इसी परिक्षेत्र से हर समय उचित दामों पर चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही डिमांड पर आईटीबीपी को भी मुर्गियों की सप्लाई की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः पहाड़ों पर बर्ड फ्लू का खतरा, पशुपालन निदेशक ने जारी की एडवाइजरी, प्रवासी पक्षियों पर रहेगी नजर

टिहरी: जिले का पहला दो करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला राजकीय कुक्कुट परिक्षेत्र (पोल्ट्री फार्म) छाम का भवन कैंपस विकासखंड मुख्यालय में लगभग 6 माह पहले बन कर तैयार हो गया था. अब विभागीय हैंड ओवर होने के बाद इसका लाभ जल्द ही लोगों को मिल पाएगा. विकासखंड मुख्यालय थौलधार के परिसर में राजकीय कुक्कुट परिक्षेत्र कैंपस का भवन बनकर तैयार हो गया. जिसके लिए बाकायदा विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था बैकप के लिए जनरेटर व्यवस्था के साथ एप्रोच मार्ग भी बनकर तैयार हो चुका है.

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी टिहरी डीके शर्मा ने बताया कि-

कुक्कुट परिक्षेत्र को शुरू करने की तैयारी गतिमान है. पैरेंटल स्टॉक (मुर्गियों के चूजे) रखने के लिए उपयुक्त स्थान और जरूरी व्यवस्थाएं पूर्ण हो चुकी हैं. विद्युत व्यवस्था बाधित होने पर बैकअप के लिए जनरेटर आदि की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. हमारा लक्ष्य कैंपस को फरवरी माह से शुरू करने का था. लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में इन दिनों बर्ल्ड फ्लू जैसी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है. पैरेंटल स्टॉक इन्हीं राज्यों से आने हैं. इसलिए हमें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. हम इस ओर लगातार संपर्क कर रहे हैं. जैसे ही हमें वहां से सिग्नल मिलता है, जल्द ही पैरेंटल स्टॉक को मंगवाकर कैंपस की शुरुआत की जाएगी.
-डीके शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, टिहरी गढ़वाल-

इसके बाद 6 माह के अंदर हैचर मशीनों से अंडों के द्वारा चूजे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. टिहरी, उत्तरकाशी जिले में इस तरह का मुर्गियों के चूजों को तैयार करने वाला यह पहला परिक्षेत्र है. इस परिक्षेत्र में पैरेंटल स्टॉक (मुर्गियों के अंड्डों) से हैचर मशीनों की सहायता से मुर्गियों के चूजे तैयार किए जाएंगे.

परिक्षेत्र में तैयार मुर्गियों के चूजों को पहले चरण में टिहरी और उत्तरकाशी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मुर्गी पालक और जरूररत मंद लोगों को उचित दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा. ये स्वरोजगार की दिशा में एक अहम कदम होगा. इसके बाद अन्य जिलों में भी सप्लाई किए जाएंगे. अब तक इस तरह के रोजगार करने के लिए लोग बाहर से चूजों की खरीदारी करने पर निर्भर रहते थे. अब लोगों को इसी परिक्षेत्र से हर समय उचित दामों पर चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही डिमांड पर आईटीबीपी को भी मुर्गियों की सप्लाई की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः पहाड़ों पर बर्ड फ्लू का खतरा, पशुपालन निदेशक ने जारी की एडवाइजरी, प्रवासी पक्षियों पर रहेगी नजर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.