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मानव वन्यजीव संघर्ष मामले पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई, सरकार को दिए 60 दिन में प्लान बनाने के आदेश

Uttarakhand High Court hearing on Human Wildlife Conflict उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मानव वन्यजीव संघर्ष मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने 2 महीने के अंदर सरकार को राजाजी कंजर्वेशन प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं.

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फाइल फोटो

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 20, 2024, 5:15 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 5:27 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों पर 2 माह के भीतर राजाजी कंजर्वेशन प्लान तैयार करने के साथ ही सरकार को आदेश दिए कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु के नेशनल पार्कों से अच्छे प्लान बनाकर उत्तराखंड के लिए बेहतर टाइगर कंजर्वेशन प्लान तैयार करें. ताकि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने अगस्त माह की तिथि नियत की है.

मामले के मुताबिक, देहरादून निवासी अनु पंत द्वारा जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नवंबर 2022 में इस मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव वन को दिशा निर्देश दिए थे कि वह मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करें. इस मामले में पूर्व में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल द्वारा दाखिल शपथ पत्र में केवल कागजी कार्रवाई का उल्लेख था और धरातल पर मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने का कोई उल्लेख नहीं था. कुछ वर्षों से मानव और वन्यजीव संघर्ष बढ़ा है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि मानव वन्यजीव संघर्ष पर रोक लगाई जाए और पूर्व में कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाए.

अतिक्रमण शिकायती एप बनाने के आदेश:वहीं, कोर्ट ने रुद्रपुर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर भी सुनवाई की. सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से प्रदेश के सभी जिलों के लिए अतिक्रमण शिकायती एप बनाने के आदेश दिए. ताकि आमजन अतिक्रमण की शिकायत दर्ज करा सके.

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Last Updated : Mar 20, 2024, 5:27 PM IST

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