देहरादूनः उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने प्रदेश भर में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे क्लाउड किचन यानी वर्चुअल रेस्टोरेंट कारोबारियों पर लगाम लगाने की प्रक्रिया शुरू की है. जिसके तहत, अब प्रदेश में क्लाउड किचन संचालित करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा. इस संबंध में एफडीए आयुक्त आर राजेश कुमार ने आदेश और एसओपी जारी कर दिए हैं. जारी आदेश में क्लाउड किचन कारोबारियों को 15 सितंबर तक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) में रजिस्ट्रेशन करने के निर्देश दिए हैं.
जानें क्या हैं क्लाउड किचन:क्लाउड किचन ऐसे कमर्शियल भोजनालय हैं, जहां पर लोग खाना खाने नहीं आते हैं. बल्कि भोजन को टेकआउट या डिलीवरी के लिए ही किया जाता है. राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के तमाम शहरों और कस्बों में ये व्यवसाय तेजी से फैल रहा है. लेकिन कई बार क्लाउड किचन में स्वच्छता मानकों और भोजन की क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. जिसको देखते हुए एफडीए ने अब प्रदेश भर में संचालित हो रहे क्लाउड किचन कारोबारियों पर नजर रखने का निर्णय लिया है.
उत्तराखंड में क्लाउड किचन संचालकों के लिए एसओपी जारी (PHOTO- UK INFORMATION DEPARTMENT) आदेश के अनुसार, अगर कोई क्लाउड किचन कारोबारी 15 सितंबर तक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है तो एफडीए ऐसे कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा. वहीं, एफडीए आयुक्त आर राजेश कुमार ने कहा कि प्रदेश में कई क्लाउड किचन, खाद्य सुरक्षा एवं मानकों की अनदेखी कर रहे हैं. साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन, स्वच्छता, पीने योग्य पानी का इस्तेमाल और सामान्य स्वच्छता मानकों के नियमों का उल्लघंन कर क्लाउड किचन संचालित कर रहे हैं. जिसको देखते हुए ये निर्णय लिया गया है ताकि लोगों को स्वच्छ भोजन मिल सके.
क्लाउड किचन के लिए जारी की गई एसओपी: क्लाउड किचन ऑपरेटरों को खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006 के तहत 15 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. ऐसा न करने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पंजीकरण के लिए ऑपरेटरों को रसोई परिचालन पते का वैलिड प्रमाण, फूड हैंडलर का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, पेयजल प्रमाण पत्र, रसोई में उपयोग किए जाने वाले पानी के पीने योग्य होने के संबंधित जांच रिपोर्ट और रसोईघर परिसर की नियमित सफाई एवं स्वच्छता रखना अनिवार्य है. साथ ही बचे हुए खाने को निस्तारण करने के लिए व्यवस्था होनी चाहिए.
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