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यौन शोषण की घटनाओं पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग सख्त, मदरसों की मांगी सूची - Uttarakhand Child Rights Protection

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर गीता खन्ना ने यौन और शारीरिक शोषण की घटनाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की. इसी बीच उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

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उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आयोजित की बैठक (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 10, 2024, 9:44 PM IST

रुद्रपुर:बच्चियों के साथ यौन और शारीरिक शोषण की घटनाओं में बढ़ोतरी को लेकर आज उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने एक बैठक आयोजित की. जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और बाल विकास विभाग सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण अध्यक्ष ने संबंधित विभागों से जानकारी भी ली. इसके अलावा उन्होंने शिक्षा और समाज कल्याण विभाग से जनपद के मदरसों की सूची मांगी है.

शारीरिक शोषण पर हुई चर्चा:उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर गीता खन्ना ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जनपद में बच्चियों के यौन शोषण और शारीरिक शोषण के अप्रत्याशित मामले सामने आए हैं, जिसको आयोग गंभीरता से ले रहा है. आज की बैठक में इन्हीं बिंदुओं में चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि सितारगंज और रुद्रपुर के एक मदरसे में हुई घटनाओं की पुर्नावृति न हो इसके लिए आज अधिकारियों को लोगों को जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है.

मदरसों की डिटेल मांगी गई:डॉक्टर गीता खन्ना ने कहा कि समाज कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग से जनपद में चल रहे मदरसों की डिटेल मांगी गई है. पर्सनल लैंड में मदरसों का कैसे संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी मदरसे में छात्रावास नहीं होना चाहिए. कई सारे स्कूलों में वंदे मातरम और राष्ट्रगान भी नहीं होता है. ऐसे में बच्चों में राष्ट्र चेतना संस्कृति का भाव लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

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