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उत्तराखंड तक पहुंची बाल विवाह रोकने की राजस्थान HC की गूंज, बाल संरक्षण आयोग ने सरकार से की सख्ती की अपील - Child marriage in Uttarakhand

Demand to stop child marriage in Uttarakhand वैसे तो भारत में बाल विवाह पर कानूनी रोक है, लेकिन इसके बावजूद लोग बाल विवाह करा ही देते हैं. 10 मई को अक्षय तृतीया से शुभ कार्य शुरू होने जा रहे हैं. इस दिन कुछ लोग बाल विवाह भी करा देते हैं. ऐसे बाल विवाह रोकने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायतों को आदेश दिए हैं. उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग ने भी उत्तराखंड सरकार से इस आदेश का पालन कराने की अपील की है.

child marriage in Uttarakhand
बाल विवाह पर हो सख्ती (Photo- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 4, 2024, 7:43 AM IST

देहरादून: देश के तमाम हिस्सों में आज भी बाल विवाह से जुड़े मामले सामने आते हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से बाल विवाह पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए तमाम पहल तो की जा रही हैं, लेकिन अभी तक बाल विवाह पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पायी है.

राजस्थान हाईकोर्ट का बाल विवाह रोकने का आदेश: ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने बाल विवाह पर एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया है. जिसके तहत बाल विवाह को रोकने में विफलता पर ग्राम पंचायत और पंचायत सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. राजस्थान हाईकोर्ट के इस फौरी आदेश के बाद देश भर में इस तरह की आवाज उठने लगी है.

बाल संरक्षण आयोग ने आदेश उत्तराखंड में लागू करने को कहा: इसी क्रम में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने उत्तराखंड सरकार से अपील की है कि वो भी राजस्थान हाईकोर्ट के इस आदेश का अनुसरण करते हुए सुनिश्चित करे कि अक्षय तृतीया के दौरान कहीं भी बाल विवाह नहीं होने देंगे. वहीं, उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का यह आदेश ऐतिहासिक है, जिसके नतीजे भविष्य में देखने को मिलेंगे. साथ ही कहा कि देश में शायद पहली बार ऐसा हुआ है, जब पंचायती राज प्रणाली को यह शक्ति दी गई है कि वो सरपंचों को अपने क्षेत्राधिकार में बाल विवाहों को रोकने में विफलता के लिए जवाबदेह ठहरा सकें.

बाल विवाह समाप्त कराने की अपील: गीता खन्ना ने उत्तराखंड के सभी जिलाधिकारियों से इसी तरह के कदम उठाने की अपील की है. साथ ही कहा कि बाल विवाह प्रथा को रोकने और समाप्त करने में सभी की भागीदारी अहम है. राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश बच्चों की सुरक्षा के लिए, समुदायों को लामबंद करने में स्थानीय नेतृत्व की जवाबदेही की जरूरत को दर्शाता है.

अक्षय तृतीया से शुरू हो रहे शुभ कार्य: बता दें कि मई जून महीने में शादी विवाह के योग नहीं हैं. लेकिन अक्षय तृतीया यानी 10 मई को शुभ कार्यों के साथ ही शादी विवाह के योग बन रहे हैं. यही नहीं, अक्षय तृतीया के दिन राजस्थान राज्य में कई बाल विवाह होते हैं. जिसके चलते अक्षय तृतीया से पहले ही राजस्थान हाईकोर्ट ने बाल विवाह रोकने को लेकर बड़ा आदेश दिया है.
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