लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सक्रिय दक्षिणी पश्चिमी मानसून की वजह से बारिश का सिलसिला जारी है. 30 जिलों में सामान्य से अत्यधिक ज्यादा बारिश हुई है. वहीं पड़ोसी देश नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने से उत्तर प्रदेश के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज पीलीभीत और लखीमपुर में बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई निरीक्षण किया. इसके साथ ही सीएम योगी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को भी परखा. उत्तर प्रदेश में बाढ़ से गोंडा, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत व कुशीनगर आदि जिले प्रभावित हैं. प्रभावित जिलों में बाढ़ आपदा मोचन बल तथा पीएससी की टीम राहत व बचाव कर में लगी हुई है.
सीएम ने मोटरबोट और हेलीकॉप्टर से लिया बाढ़ का जायजाः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोटरबोट पर बैठकर बाढ़ की विभीषिका की जमीनी हकीकत को परखा. एनडीआरएफ के मोटरबोट से मुख्यमंत्री ने जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ तहसील धौरहरा, विधानसभा निघासन क्षेत्र अंतर्गत के बाढ़ प्रभावित गांव सौहरिया के मजरा महादेव का जायजा लिया. सीएम ने बाढ़ पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए. जिले के बाढ़ के इलाकों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वे भी किया.
सीएम ने बांटी राहत सामग्रीः शारदा नगर कॉलोनी मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य में लगा है. बाढ़ के चलते जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उसके लिए भी सरकार 1.20 लाख रुपये तक अनुमन्य धनराशि देगी. यदि किसी का मकान कटान के चलते नदी में विलीन हो गया है तो सरकार उसे आवास और भूमि का पट्टा देगी. जब तक आवास की व्यवस्था नहीं होती तब तक ऐसे लोगों को सरकार की तरफ से संचालित शरणालयों में जगह दी जाएगी. सीएम ने कहा कि किसी भी सूरत में किसी को बेघर नहीं रहने देंगे. इस दौरान पीलीभीत, लखीमपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी.
किसानों को मिलेगा मुआवजाः सीएम योगी ने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए अभी से सर्वेक्षण भी शुरू करा दिया गया है. आपदा में किसी की मृत्यु होने पर संबंधित के परिवार को चार लाख रुपये तत्काल आर्थिक सहायता देने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है. सांप या अन्य हिंसक जहरीले जानवर के हमले में मृत्य पर भी यह मदद दी जाएगी. बाढ़ के चलते किसी किसान या बटाईदार की मृत्यु पर उसे तत्काल मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की बीमा से आच्छादित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है.
9 दिन में 211 एमएम बारिशःपिछले 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश 8.7 मिली मीटर के सापेक्ष 2 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई जो की 77% कम है. वहीं, 1 जून से 9 जुलाई तक अनुमान बारिश 160.8 मिली मीटर के सापेक्ष 211 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई जो 31% अधिक है. मंगलवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश 9.9 के सापेक्ष 1.3 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई जो 87% कम है. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश 6.9 के सापेक्ष 2.9 मिली मीटर हुई जो 58% कम है.
21 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी: देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच एवं आसपास इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, बलिया, संत कबीर नगर, बस्ती, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी एवं आसपास इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना है.
यूपी के 36 जिलों में अब तक भारी बारिश:मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अब तक 120% से अधिक बारिश वाले जिलों की संख्या 36 है. सामान्य बारिश वाले जिलों की संख्या 16, कम बारिश वाले जिलों की संख्या 9, अत्यधिक कम वर्षा वाले जिलों की संख्या 8 तथा 40% से कम वर्षा वाले जनपद की संख्या 6 है.
खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियां:वर्तमान समय में खतरे के जलस्तर से ऊपर बहने वाली नदियां गंगा नदी कछला ब्रिज बदायूं, राप्ती नदी बलरामपुर, शारदा नदी पलिया कला शारदा नगर लखीमपुर खीरी, राप्ती नदी जनपद सिद्धार्थनगर तथा घाघरा बाराबंकी में खतरे से ऊपर बह रही है.