सभा की कार्यवाही 2 अगस्त शुक्रवार को 11:00 बजे तक स्थगित.
Highlights of Monsoon Session: हंगामेदार रही मानसून सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही, धरना पर बैठे विधायक कार्यवाही से निलंबित - Jharkhand Legislative Assembly
Published : Aug 1, 2024, 10:25 AM IST
|Updated : Aug 1, 2024, 1:10 PM IST
रांचीः झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का पांचवां दिन हंगामेदार रहा. सदन में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी विधायकों के तेवर काफी गर्म दिखे. सदन में विपक्षी विधायकों ने धरना दिया. स्पीकर ने कार्य संचालन के नियमों का हवाला देते हुए 18 विधायकों को कार्यवाही से शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक के लिए निलंबित कर दिया.
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सदन में बात नहीं सुनने पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और भाजपा के वरिष्ठ विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने वाक आउट किया
नीलकंठ सिंह मुंडा ने स्पीकर से कहा कि वह भी जनता से जुड़े मामलों को लेकर धरना पर था. लेकिन आपने मुझे सस्पेंड नहीं किया. इससे हमारी और आपकी भी किरकिरी हो रही है.
सभा की कार्यवाही शुरू, शांतिपूर्वक चल रही है शून्यकाल की कार्यवाही
राज्य में अघोषित इमरजेंसी है,स्पीकर ने मर्यादा का हनन किया हैः अमर बाउरी
लोकतंत्र की हत्या दिनदहाड़े स्पीकर ने की हैः अमर बाउरी
निलंबित विधायक सदन से निकले, विधानसभा के बाहर मीडियाकर्मियों को कर रहे हैं संबोधित
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और आजसू विधायक लंबोदर महतो को नहीं किया गया है निलंबित.
कुल 18 विधायकों को सस्पेंड किया गया। कल 2:00 बजे तक के लिए सस्पेंड किया गया.
सदाचार समिति को जांच सौंपी गई. एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन मांगा गया. सभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थगित
रिपोर्टिंग टेबल पर खड़ा हुए विधायक रणधीर सिंह, भानु प्रताप और शशि भूषण मेहता
स्पीकर ने संविधान और कार्य संचालन के नियमों का हवाला देते हुए धरना में बैठे विधायकों को सभा की कार्यवाही से निलंबित किया.
नेता प्रतिपक्ष को बोलने नहीं देने पर टेबल के पास पहुंचे भाजपा के विधायक. सत्ता पक्ष के विधायक भी पहुंचे. स्पीकर भी खड़े हो गये.
सभा की कार्यवाही शुरू होते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सूदिव्य ने व्यवस्था के तहत कहा कि सदन को हाईजैक करने की कोशिश की गई । सदन को बंधक बनाने की कोशिश की गयी। इन सभी पर कार्रवाई की जानी चाहिए। झामुमो विधायक ने धरना में शामिल विधायकों का नाम भी पढ़ा।
सभा की कार्यवाही शुरू
सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच खूब कोई हंसी ठिठोली. 15 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए वेल में विपक्ष का धरना जारी
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन के द्वारा सीबीए एक्ट के तहत अधिग्रहित भूमि को दोबारा लीज पर दिए जाने का अधिकार सरकारी कंपनियों को दिए जाने के बाबत सभी आपत्तियों सहित राज्य सरकार का मंतव्य, जो पूर्व में भारत सरकार को उपलब्ध कराया गया है, के आलोक में सीबीए एक्ट 1957 में प्रस्तावित संशोधन को पारित नहीं करने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाएगा. इस बाबत प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के लिए सभा की सहमति ली जाएगी.
सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी दल के विधायक वेल में बैठे