नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:ग्रेटर नोएडा की जीरो पॉइंट पर धरना दे रहे किसानों को बुधवार देर रात पुलिस ने फिर से गिरफ्तार किया है. किसानों के नेता सुखबीर खलीफा सहित 32 किसानों को रात 12 बजे हिरासत में लिया गया. यह कार्रवाई उस समय हुई, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर अराजकता के खिलाफ सख्त संदेश दिया.
"गौतम बुद्ध नगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी." यह संदेश स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार किसी भी तरह की अशांति को स्वीकार नहीं करेगी और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है"-योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री
किसानों का यह आंदोलन गौतम बुध नगर के विभिन्न किसान संगठनों द्वारा शुरू किया गया था. संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने के लिए महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें किसानों ने 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर भी प्रदर्शन किया. वक्त के साथ यह आंदोलन महापड़ाव में बदल गया और किसानों ने दिन-रात प्रदर्शन जारी रखा.
28 नवंबर को, किसानों ने यमुना विकास प्राधिकरण पर भी अपना प्रदर्शन शुरू किया और फिर 2 दिसंबर को वे दिल्ली की ओर कूच करने लगे. लेकिन, पुलिस और प्रशासन ने उन्हें नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर बलपूर्वक रोक दिया. प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर एक सप्ताह में मुख्य सचिव से वार्ता कराई जाएगी. इस आश्वासन के बाद किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही धरना जारी रखा.
हालांकि, 3 दिसंबर को पुलिस ने फिर से हस्तक्षेप करते हुए भारी संख्या में किसानों को हिरासत में लिया और 123 किसानों को जेल भेज दिया, जबकि बुजुर्ग और महिलाओं को उनके घर भेज दिया गया.
किसान नेता रुपेश वर्मा ने आज दोपहर 12 बजे फिर से जीरो पॉइंट पर किसानों की महापंचायत का आयोजन किया और एक वीडियो जारी कर अधिक से अधिक लोगों को शामिल होने का आह्वान किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि संयुक्त किसान मोर्चा, सुखबीर खलीफा और एकता मंच के सदस्यों के साथ-साथ सोरन प्रधान को पुलिस द्वारा धरना स्थल से उठाए जाने को विश्वासघात करार दिया. उनका कहना था कि यह समय आंदोलन को पुनः जीवित करने का है, और यदि सरकार ने इसे कुचलने की कोशिश की, तो किसान दोबारा खड़े नहीं हो पाएंगे.