लखनऊ :बजट में सरकार ने सूबे में 1600 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने और 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री ने कहा, प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं. वर्तमान में 45 जिले मेडिकल काॅलेजों से आच्छादित किए जा चुके हैं और 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल काॅलेज निमाणाधीन हैं. 16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है.
उच्चीकृत किए जाएंगे ट्रामा सेंटर, 300 करोड़ की व्यवस्था
वित्त मंत्री ने कहा, राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिग काॅलेजों की संख्या 06 से बढ़ाकर 23 की गई है. वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराए जाने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. राजकीय मेडिकल काॅलेजों में ट्रॉमा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक ( 100 बेड)/ एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेड) में उच्चीकृत किए जाने के लिए 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
1600 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
वित्त मंत्री ने आयुष विभाग की योजनाओं को लेकर कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में 1600 हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर स्थापित किए जाने लक्ष्य तथा 1035 राजकीय आयुर्वेदिक होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सालयों को हेल्थ वेलनेस सेन्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है. प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथी चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक, 02 यूनानी तथा 09 होम्योपैथी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील हैं.
वाराणसी में होम्योपैथिक मेडिकल कालेज
वित्तीय वर्ष 2024-2025 में आयुष विभाग के अन्तर्गत प्रमुख रूप से महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने, अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना किए जाने का लक्ष्य है. कहा, राजकीय आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में औषधियों की समुचित व्यवस्था तथा 50 बेडेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय 11 जनपदों में स्थापित हैं तथा 6 जनपदों में भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है.
मातृ मुत्यु दर में आई कमी
चिकित्सा क्षेत्र का बजट पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख तथा शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गई है.
वित्त मंत्री ने कहा, 2017 की तुलना में 2023 में एईएस (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जेई (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.