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सीएम योगी की सपा विधायकों को नसीहत; बोले- सदन में रखें तथ्यपरक बातें, हमने 1.60 लाख शिक्षकों को दी नौकरी - UP ASSEMBLY WINTER SESSION

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं.

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सीएम योगी ने सपा विधायकों को दी नसीहत. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रखा. उन्होंने सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा, पंकज पटेल के मुद्दे को महत्वपूर्ण व संवेदनशील बताया. साथ ही नसीहत दी कि सदस्यों को सदन की गरिमा व मर्यादा को ध्यान में रखकर तथ्यपरक बातें रखनी चाहिए. सीएम ने शिक्षा विभाग में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया.

विभागों में डिमांड के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया को बढ़ा रहा उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग:मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा (बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यावसायिक, चिकित्सा शिक्षा) को लेकर नया चयन बोर्ड (उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग) बनकर तैयार है. वह विभिन्न विभागों में डिमांड के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है. हमारी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में ही 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं. यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं.

आरक्षण के नियमों का हो रहा पालन:मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी देश, दुनिया व उत्तर प्रदेश के सामने चुनौती है. उत्तर प्रदेश दुनिया के अंदर सबसे युवा राज्य है. 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 56 से 60 फीसदी आबादी वर्किंग फोर्स-युवा है. हमारी सरकार ने राज्य के युवाओं को ध्यान में रखकर अनेक कार्य किए हैं. पिछले सत्र में हमारी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा व अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम -2024 को पारित किया. प्रदेश के युवाओं को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त हो रही हैं. इसमें आरक्षण के नियमों का पालन किया जा रहा है.

सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं:मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं. यदि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात है तो 69000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं, वे सभी चार वर्षों से स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं.

उससे पहले 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया गया, क्योंकि उस समय बीएड को एनसीटीई ने उस परीक्षा के योग्य नहीं माना था और उस समय बीटीसी के इतने अभ्यर्थी हमारे पास नहीं थे. इसमें केवल 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हो पाई थी, जो आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं. इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी हुआ.

पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ किया खिलवाड़:मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था. शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया था. उच्चतम न्यायालय ने उन्हें खारिज करके सेवाओं को समाप्त करने का आदेश किया था, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें निश्चित मानदेय पर रखा है.

वे सभी शिक्षामित्र भी यथावत कार्य कर रहे हैं. उन्हें वेटेज देकर भर्ती प्रक्रिया से जोड़ा गया था. उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप कदम उठाए गए थे. 44,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग बोर्ड व उच्चतर शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के द्वारा संपन्न की जा चुकी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 18 हजार पद आरक्षित होते हैं और पिछड़ी जाति के उसमें 32,200 से अधिक नौजवान भर्ती हुए हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 21 फीसदी है, जिसमें 12 हजार पद उनके लिए आरक्षित होते हैं, लेकिन भर्ती हुई है 14 हजार से अधिक की.

ये चीजें दिखाती हैं कि योग्यता और मेरिट से जो लोग आगे बढ़े हैं, उन्हें जनरल कैटेगरी का भी लाभ दिया गया है. जनरल के जो 34,500 पद थे, उसमें भर्ती हुई है मात्र 20 हजार. यह उन सबके लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए, जो इनके नाम पर राजनीति करके समाज में बंटवारे की खाई को चौड़ा करना चाह रहे हैं.

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