कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने ईटीवी भारत से बातचीत की (Video credit: ETV Bharat) लखनऊ : यूपी में सपा और कांग्रेस गठबंधन ने जिस तरह से लोकसभा चुनाव लड़ा, दोनों पार्टियां उस लय को 2027 तक बनाए रखने की तैयारी कर रही हैं. उससे पहले दोनों पार्टियों के बीच हुए गठबंधन को उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में लिटमस टेस्ट पास करना है. इन सीटों पर चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने गठबंधन जारी रखने पर सहमति दे दी है. वहीं, सीटों के बंटवारे के लिए दोनों पार्टियों के बीच में अंदरूनी खींचतान चल रही है.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हमारी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी. हमने समाजवादी पार्टी से उन सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है, जो बीजेपी या उसके सहयोगी दलों की है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ सैद्धांतिक रूप से गठबंधन चल रहा है. सीटों की बात अंतिम दौर में है. उन्होंने कहा कि भाजपा के 30 मंत्री लगे हैं 50 मंत्री लगा ले तब भी उपचुनाव में सभी सीटों पर हराएंगे.
उन्होंने कहा कि हम उन सभी सीटों पर सपा से बात कर रहे हैं जो बीजेपी या उसकी सहयोगी दलों ने जीती थीं. उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे और संख्या पर बात तब होगी जब आपस में बैठेंगे. उत्तर प्रदेश के 9 विधायकों के लोकसभा सदस्य चुने जाने पर सीट खाली हुई है, जबकि दसवीं सीट पर चुनाव समाजवादी पार्टी के विधायक के इरफान सोलंकी को एक मामले में सजा होने के बाद खाली हुई है. इसमें से पांच सीट समाजवादी पार्टी के खाते की हैं, जबकि तीन सीटें भाजपा के पास है और एक-एक सीट निषाद पार्टी और आरएलडी के खाते की है.
इन उम्मीदवारों के नाम की चर्चा : कांग्रेस पार्टी की तरफ से जिन तीन सीटों पर मुख्य रूप से दावेदारी कर रही है उन पर पार्टी 20 व उससे अधिक वर्षों से चुनाव नहीं जीत सकी है, लेकिन 2024 में समाजवादी पार्टी के साथ हुए गठबंधन के बाद जो परिणाम आए हैं. कांग्रेस पार्टी उससे काफी उत्साहित है और उसे लग रहा है कि वह समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर इन सीटों पर अपना खाता दोबारा खोल सकती है. मझवा विधानसभा सीट की बात करें तो यह सीट 2012 में बसपा 2017 में भाजपा और 2022 में निषाद पार्टी ने जीती थी.
वहीं, मीरापुर विधानसभा सीट 2012 में बसपा, 2017 में भाजपा और 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल ने जीता था, जबकि खैर विधानसभा सीट 2012 से भाजपा जीतती चली आ रही है. इन तीनों ही विधानसभा सीटों पर पार्टी की तरफ से कौन प्रत्याशी होगा, इसकी भी खोज भी शुरू हो गई है. पार्टी नेताओं का कहना है कि खैर विधानसभा सीट से पार्टी की तरफ से योगेश दीक्षित और फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने वाले रामनाथ सिकरवार उम्मीदवार हो सकते हैं, जबकि मीरापुर विधानसभा सीट से पार्टी एक बड़े मुस्लिम परिवार को प्रत्याशी बनाने की तैयारी कर रही है, जबकि मझवा सीट से पार्टी सूत्रों का कहना है कि खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष इस सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं.
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