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ये हैं स्कूटर वाले केंद्रीय मंत्री! अपने संसदीय क्षेत्र में बीते 28 साल से लगा रहे जन चौपाल - Union Minister Virendra Kumar - UNION MINISTER VIRENDRA KUMAR

केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद डॉ.वीरेंद्र कुमार आम लोगों से वैसे ही मिलते हैं, जैसे आज से 30 साल पहले मिलते थे. सरल व सहज स्वाभाव के कारण वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. केंद्रीय मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी निभाने के बाद भी वीरेंद्र कुमार का जन चौपाल कार्यक्रम जारी है. ये चौपाल बीते 28 साल से यूं ही लगती आ रही है.

Union Minister Virendra Kumar
स्कूटर वाले केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 10:05 AM IST

टीकमगढ़। कोई नेता छोटे से सूबे का मंत्री बन जाए, तो उसके नखरे इतने ज्यादा बढ जाते हैं कि आम जनता को समस्याओं के लिए बंगले और दफ्तर के चक्कर काटना पडते है. इसके बाद भी मंत्री के दर्शन नही हो पाते हैं. लेकिन कोई केंद्रीय मंत्री तमाम व्यवस्तताओं के बाद भी लोप्रोफाइल रहकर जन समस्याओं का निराकरण करे तो जनता को ऐसे ही जनप्रतिनिधि की जरूरत होती है. ऐसे ही नेता हैं टीकमगढ सांसद और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार. इनका राजनीतिक सफर सागर संसदीय सीट से 1996 में शुरू हुआ था, जो अब तक निर्बाध गति से चल रहा है. परिसीमन के बाद 2009 में टीकमगढ़ से लगातार सांसद बनते आ रहे मोदी सरकार के मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने सागर में जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए शुरू किया था. वह आज टीकमगढ में भी जारी है. हालांकि महीने में एक बार चौपाल लगाते हैं और अधिकारियों के साथ खुद बैठकर लोगों की समस्याओं का निराकरण करते हैं.

केंद्रीय मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार (ETV BHARAT)

कौन हैं केंद्रीय मंत्री डॉ.वीरेन्द्र कुमार

डॉ.वीरेन्द्र कुमार साधारण परिवार में जन्मे हैं. बचपन संघर्ष भरा रहा. उनके पिता साइकिल की दुकान चलाते थे. लेकिन संघ के स्वयंसेवकों में उनका नाम पहली पंक्ति में था. पिता के साथ डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने भी साइकिल दुकान चलाई और पंचर सुधारने का काम किया. संघ के संस्कारों में पले वीरेन्द्र कुमार की तकदीर ने तब पलटी मारी, जब उन्हें 1996 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सागर संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला और जीत हासिल हुई. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2008 के परिसीमन के बाद सागर अनारक्षित होने के कारण उन्होंने टीकमगढ संसदीय सीट से चुनाव लड़ना शुरू किया और आज तक एक भी चुनाव नहीं हारे.

लोगों की समस्या सुनते केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार (ETV BHARAT)

सरल और सहज स्वभाव के मंत्री वीरेन्द्र कुमार

केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार सरल और सहज स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. सांसद बनने और यहां तक केंद्रीय मंत्री बनने के बाद वो अपने सालों पुराने स्कूटर से घूमने निकल जाते हैं और लोगों से सहजता से मुलाकात करतें हैं. कभी पत्नी को स्कूटर पर बिठाकर सब्जी मंडी सब्जी खरीदने पहुंच जाते हैं. इतना ही नहीं सांसद रहते हुए कभी कोई साइकिल की दुकान चलाते व्यक्ति मिल जाए तो उसे पंचर सुधारने और साइकिल सुधारने के टिप्स देने लगते हैं.

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की जन चौपाल (ETV BHARAT)

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जनसमस्याओं के निराकरण के लिए प्रयोग
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की सादगी (ETV BHARAT)

मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने सागर से सांसद चुने जाने के बाद जनसमस्याओं के निराकरण के लिए एक अभिनव पहल की थी. वह हर मंगलवार को सागर कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक पेड़ के नीचे बैठते थे. जहां लोगों की भारी भीड़ जुटती थी और अपनी समस्याएं सुनाते थे. सांसद मौके पर ही समस्या के निराकरण के प्रयास भी करते थे. लोकसभा चुनाव 2009 में वीरेन्द्र कुमार सागर संसदीय सीट छोड़कर टीकमगढ़ से चुनाव लड़ने चले गए. वहां भी जीत का सिलसिला लगातार जारी रहा. डॉ.वीरेंद्र कुमार टीकमगढ़ में भी पिछले 15 सालों से जनता चौपाल लगाकर जनता की समस्याएं सुनते हैं. केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार का कहना है कि लोगों की समस्याओं को देखते हुए जनचौपाल लगाई थी. ऐसे प्रयास के जरिए जनप्रतिनिधि जनता और अधिकारियों के बीच सेतु का काम करते हैं.

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