जोधपुर: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विपक्ष के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा है कि जो लोग संविधान बचाने का दावा करते हैं, वह खुद संविधान में लोकतंत्र की व्यवस्था को चलाने के लिए बनाए गए प्रोसीजर्स की पालना नहीं कर रहे हैं. जिनको लोकतंत्र की व्यवस्था जनता ने नकार दिया, वो सारे लोग अब लोकतंत्र में हुई पराजय को इस तरह से अपनी खीझ के रूप में अभिव्यक्त कर रहे हैं. लेकिन देश की जनता इनको ठीक चाहे इनके चाल चरित्र चेहरे को पहचान चुकी है. शेखावत शनिवार को जोधपुर आए थे.
एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज भारत का लोकतंत्र 75 साल से ज्यादा का हो गया. संविधान को लेकर के वो लोग जगह-जगह अपना प्रदर्शन करते हैं, यदि संविधान को बचाने का संकल्प ऐसा दिखा रहे हैं तो उस संविधान में जो प्रोसीजर्स लोकतांत्रिक व्यवस्था को चलाने के लिए बनाए गए उन प्रोसीजर्स को ही वह ठुकराते हुए और झुठलाते हुए दिखाई देते हैं. उनका चेहरा कुछ और है और चरित्र कुछ और है, जो एक बार फिर देश की जनता के सामने प्रकट हो रहा है. शेखावत ने कहा कि भारत का संविधान हमारे लिए केवल एक पुस्तक नहीं है. यह हमारे जनमानस की भावनाओं का दस्तावेज है. जिसमें भारत की नीति संस्कृत सभी कुछ शामिल है. भारत का संविधान एक लिविंग डॉक्यूमेंट है.