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बाघों के लिए बांटी गई चरवाहा यूनिक छतरी, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बारिश छू नहीं पाएगी - Bandhavgarh Cowboy Umbrella

उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी अनोखी पहल के लिए अक्सर सुर्खियों में रहता है. एक बार फिर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार ऐसा यूनिक आयोजन किया गया है, जिसमें चरवाहों का सम्मेलन कराया गया है. यह सम्मेलन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार हुआ है.

Umaria Charwaha Sammelan
बाघों के गढ़ बांधवगढ़ में चरवाहा सम्मेलन (ETV Bharat (Graphics))

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 7:23 AM IST

Updated : Sep 28, 2024, 12:16 PM IST

उमरिया: उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ऐसा पहली बार हुआ है, जब चरवाहों का सम्मेलन किया गया है. इस सम्मेलन में उपसंचालक, सहायक संचालक, परीक्षेत्राअधिकारी और वन अमले के साथ ही मझखेता, देवरी, मडऊ, बड़खेरा, समरकोइनी, दमना, गांटा, बांसा, कछौन्हा गांव से सरपंच, उप सरपंच, ईको विकास समितियों के अध्यक्ष, ग्राम वासियों के अलावा उक्त क्षेत्र के चरवाहे विशेष रूप से शामिल रहे. सम्मेलन में पुरुष और महिला चरवाहे सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. इसमें इन लोगों ने वन विभाग के समक्ष अपनी बात रखी और अनुभव साझा किया. इस दौरान वन विभाग ने भी शासकीय योजना और मानव वन्य प्राणी द्वंद एवं वन और पर्यावरण संरक्षण पर चरवाहों को जानकारी दी.

मानव और वन्य प्राणी द्वंद रोकने की पहल

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जो यह चरवाहा सम्मेलन पहली बार आयोजित किया गया है इसमें करीब 70-80 चरवाहों ने हिस्सा लिया और ये वही चरवाहे हैं जो बफर एरिया वाले जगह पर रहते हैं और इनका जंगलों में आना-जाना रहता है. यहां वन्य प्राणियों से भी इनका सामना होता है, एक तरह से देखा जाए तो मानव और वन्य प्राणियों के बीच में जो द्वंद चल रहा है उसे रोकने के लिए भी चरवाहा सम्मेलन किया गया जिसमें चरवाहों को वन्य प्राणियों के बारे में विशेष जानकारी दी गई. साथ ही साथ कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है, कैसे सजग रहना है और कैसे उनकी सुरक्षा करनी है इन सभी के बारे में जानकारी दी गई.

बाघों के गढ़ में हुआ चरवाहा सम्मेलन, बांटी गई ऐसी यूनिक छतरी (ETV Bharat)

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अनोखी छतरी का किया गया वितरण

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्माबताते हैं कि "चरवाहा सम्मेलन पहली बार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आयोजित किया गया है, जिसमें चरवाहों को वन्य प्राणियों के बारे में जानकारी तो दी ही गई और कैसे उनसे खुद का बचाव करें और कैसे उनकी रक्षा करें. साथ ही इस सम्मेलन में चरवाहों को विशेष रूप से यूनिक छाता भी दिया गया है जिस छाता में वन अधिकारियों के नंबर दिए गए हैं. रेंज ऑफिसर्स के नंबर दिए गए हैं जिन्हें वो डायरेक्ट सूचित भी कर सकते हैं, उस छाता में उन रेंज ऑफिसर्स के नंबर छपे हुए हैं, जिससे उन्हें नंबरों को सुरक्षित करने में भी दिक्कत नहीं होगी. चरवाहा या ग्रामीण जंगल में वन्य प्राणी या फिर किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए नंबरों का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा मुखबीर की तरह भी वो काम कर सकते हैं, उस व्यक्ति का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा. अगर वो किसी तरह के संकट में है जंगली जानवरों के बीच में फंसा हैं या फिर जंगली जानवर कहीं कोई संकट में है या कि कहीं कोई जंगली जानवर दिखता है, या उन्हें लेकर कोई खबर है, तो उसकी सूचना भी उस नंबर के माध्यम से दे सकते हैं."

Last Updated : Sep 28, 2024, 12:16 PM IST

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