भोपाल।2024 के लोकसभा चुनाव के बीच में तीर्थाटन पर रहीं उमा भारती ने चुनाव प्रचार की शुरुआत आखिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके से ही क्यों की. क्या वजह है दूसरे चरण के मतदान के बाद जब उमा भारती ने प्रचार शुरु किया तो, उसके लिए पहले सिंधिया की टेरीटरी को ही चुनाव प्रचार के लिए चुना. क्या राजमाता विजयाराजे सिंधिया का कर्ज उतार रही हैं साध्वी उमा भारती. उमा भारती खुद कई मंचों से कह चुकी हैं कि उनके राजनीति में आने की राह बनाने वालों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी.
सिंधिया के चुनाव प्रचार में पहुंची उमा भारती ने फिर दोहराया कि जनसंघ के बाद बीजेपी को मजबूत करने में राजमाता की भूमिका अहम थी. उन्होंने सिंधिया को लेकर मंच से कहा कि 'मैं इन्हें हमेशा ललचाई नजरों से देखती थी. असल में इनके गुण संस्कार सब बीजेपी के थे.'
रण में लौटी उमा, सिंधिया के प्रचार से क्यों हुई शुरुआत
लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में चुनाव प्रचार से पूरी तरह दूरी बनाकर रखने वाली पूर्व सीएम उमा भारती जब गंगोत्री से लौटी तो उन्होंने एमपी में बीजेपी के पक्ष में प्रचार की शुरुआत की. जिसके लिए उन्होंने सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र गुना शिवपुरी को चुना. उमा भारती ने जो लोकसभा चुनाव में प्रचार में खाता खोला तो, पहली जनसभा ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में पिछोर शिवपुरी में की. पिछोर इलाके से प्रीतम सिंह लोधी विधायक हैं. ये इलाका लोधी वोटर बाहुल्य भी है. लिहाजा यहां पर उमा भारती की जनसभा रखी गई.
उमा भारती ने बताया कि जनसंघ से बीजेपी की यात्रा में इस पार्टी को शक्ति देने में राजमाता विजयराजे सिंधिया की क्या भूमिका थी. उन्होंने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे ने जनसंघ को सींचा था, लेकिन बीजेपी को शक्ति राजमाता विजयाराजे सिंधिया से मिली. उमा भारती ने वो प्रसंग भी सुनाया कि किस तरह से सात विधायकों के नाम लेकर राजमाता राजभवन पैदल गईं थीं. उन्होंने कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी. उमा भारती ने कहा कि बिल्कुल अम्मा के पोते को भी वही संस्कार मिले हैं. उन्होंने भी कांग्रेस के भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के खिलाफ खड़े होने में एक मिनिट नहीं लगाया.'