उज्जैन: बड़नगर तहसील के ग्राम भिड़ावद में दीपावली के दूसरे दिन एक अनोखी और साहसिक परंपरा का आयोजन किया जाता है. गोवर्धन पूजा के अवसर पर यहां के ग्रामीण जमीन पर लेट जाते हैं और उनके ऊपर से सैकड़ों गायों का झुंड दौड़ता हुआ निकलता है. यह दृश्य न केवल रोंगटे खड़े कर देने वाला होता है, बल्कि इसमें शामिल ग्रामीणों की गहरी आस्था और साहस को भी दर्शाता है.
लोगों के ऊपर से निकलीं सैकड़ों गायें
इस परंपरा में मन्नतधारी ग्रामीण दिवाली के 5 दिन पहले ग्यारस से ही माता भवानी के मंदिर में आकर उपवास करते हैं और वहां रहकर भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं. अंतिम दिन वह जमीन पर लेटकर भगवान से अपनी मन्नत पूरी करने की प्रार्थना करते हैं. इसके बाद ढोल-नगाड़ों की आवाज के बीच गायों को उनके ऊपर से दौड़ाकर निकाला जाता है. ग्रामीणों का मानना है कि गाय माता के पैर के नीचे आकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और इससे सुख-शांति व समृद्धि मिलती है.
महिलाएं भी लेती हैं बढ़-चढ़कर हिस्सा
भिड़ावद के निवासी राजू चौधरी ने बताया, ''इस इस साल 5 लोगों लाखन अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, रामचंदर चौधरी, कमल मालवीय, सोनू सिसोदिया ने उपवास रखा है. इन्हीं लोगों के ऊपर से गाय रौंदते हुए निकली है.'' इस आयोजन को देखने के लिए गांव में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे. गांव की महिलाएं भी इस परंपरा में अपनी आस्था प्रकट करती हैं और इसे सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक मानती हैं. यह परंपरा ग्रामीणों की आस्था, संस्कृति और साहस का प्रतीक है, जो समाज के लिए एक मिसाल है.