उज्जैन: जिले में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने समीक्षा बैठक आयोजित की. इस बैठक में संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर और एडीजी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. वहीं, बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि स्थायी प्रकृति के सभी निर्माण कार्यों को 31 दिसंबर 2027 तक पूरा किया जाना चाहिए. इसमें अखाड़ों और संतों के लिए आवंटित स्थानों की मैपिंग, सड़कों और पुलों की सुविधाओं का निर्माण शामिल है.
साथ ही सम्मेलन में आने वाले लोगों के लिए जल आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए 200 एमएलडी क्षमता का नेटवर्क तैयार किया जाएगा. जबकि 160 एमएलडी का सीवरेज जनरेशन (इमारतों से निकलने वाले अपशिष्ट जल का उत्पादन) होगा.
स्थाई कार्य दिसंबर 2027 तक पूरा करने के निर्देश (ETV Bharat) आपदा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर
सिंहस्थ में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन की बेहतर तैयारी की जाएगी. इसमें शाही स्नान का अधिकतम रिस्पांस टाइम 15 मिनट तय हुआ है. साथ ही मॉक ड्रिल, फायर फाइटिंग सिस्टम और हेल्पलाइन सुविधाओं को भी दुरुस्त किया जाएगा. मेला क्षेत्र में दो नए थानों के अलावा अस्थाई चौकियां भी बनाई जाएंगी. सिंहस्थ में 42,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा.
श्रद्धालुओं के लिए यातायात और रेलवे सुविधाएं
साल 2028 के सिंहस्थ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर रेलवे और सड़क परिवहन व्यवस्थाओं को मजबूत करने पर चर्चा की गई. श्रद्धालुओं की यातायात सुविधाओं को गंभीरता से लेते हुए उज्जैन में सैटेलाइट रेलवे स्टेशनों का विकास किया जाएगा. वहीं, क्षिप्रा नदी पर नए पुलों का निर्माण और एनएचएआई द्वारा नए मार्ग प्रस्तावित किए गए हैं.
स्वच्छता और मूलभूत सुविधाएं
सिंहस्थ में प्रतिदिन 740 टन कचरा उत्पन्न होने का अनुमान है. इसके निपटान के लिए 50,000 बायो टॉयलेट बनाने की योजना बनाई गई है. साथ ही सार्वजनिक शौचालयों की मैपिंग और प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार, सिंहस्थ के कार्यों को साधु-संतों से चर्चा कर सुनिश्चित किया जाएगा. नगर विकास योजना के तहत आश्रम, प्रवचन हॉल और पार्किंग समेत धर्मशालाएं और जल आपूर्ति व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मेला क्षेत्र में ट्रैफिक मैनेजमेंट, वीएमडी डिस्प्ले सिस्टम और डिजिटल सूचना प्रसारण की व्यवस्था की जाएगी. यह सभी कार्यों के लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी.