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चंद्रशेखर ने कबाड़ से बनाई सस्ती व टिकाऊ इलेक्ट्रिक बाइक, इन आधुनिक फीचर्स से है लैस - INNOVATIVE ELECTRIC BIKE

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इलेक्ट्रिक बाइक
चंद्रशेखर ने कबाड़ से बनाई इलेक्ट्रिक बाइक (ETV Bharat Udaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 23, 2025, 6:32 AM IST

उदयपुर : जब इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसानी से हल हो जाती है. यही उदाहरण प्रस्तुत किया है उदयपुर के सुखेर निवासी 19 वर्षीय चंद्रशेखर ने, जिन्होंने महज तीन महीने में कबाड़ से एक अनोखी और किफायती इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की है. इस बाइक ने न सिर्फ चंद्रशेखर की तकनीकी समझ और हुनर को उजागर किया, बल्कि यह उनकी मेहनत और आत्मविश्वास की भी मिसाल बन गई है.

चंद्रशेखर की अनोखी इलेक्ट्रिक बाइक :चंद्रशेखर की इस ई-बाइक में बड़े ब्रांड्स की बाइक्स की तरह सभी आधुनिक फीचर्स हैं, लेकिन कीमत के मामले में यह काफी सस्ती और प्रभावी है. इस बाइक की अनोखी विशेषताएं और चंद्रशेखर की संघर्षपूर्ण यात्रा अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है. चंद्रशेखर का कहना है कि उन्हें बचपन से ही तकनीकी खिलौनों में रूचि थी और इसी वजह से उन्होंने इस दिशा में काम करने का मन बनाया. उन्होंने यह सोचा कि क्यों न एक इलेक्ट्रिक बाइक बनाई जाए, जो न सिर्फ किफायती हो, बल्कि बेहतर भी हो. इस विचार को साकार करने के लिए उन्होंने कबाड़ से आवश्यक सामग्री जुटाई और कुछ महीनों में अपने सपने को हकीकत में बदल डाला.

कबाड़ से बनाई इलेक्ट्रिक बाइक (ETV Bharat Udaipur)

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आधुनिक फीचर्स के साथ किफायती विकल्प : चंद्रशेखर की इस इलेक्ट्रिक बाइक में 1000 वाट की मोटर लगाई गई है और इसमें 12-12 वॉट की पांच बैटरियां लगी हैं. एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर यह बाइक 100 से 150 किलोमीटर तक चल सकती है, जो कि किसी भी सामान्य इलेक्ट्रिक बाइक से बेहतर है. इसकी स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक जाती है. इसके अलावा इस बाइक में सेंसर आधारित सुरक्षा फीचर भी हैं. यदि कोई व्यक्ति बाइक को छूने की कोशिश करता है, तो सेंसर आवाज करता है और बाइक के लॉक-अनलॉक की प्रक्रिया रिमोट से की जा सकती है.

इलेक्ट्रिक बाइक की खासियत (ETV Bharat GFX)

बाइक में रिवर्स बटन :चंद्रशेखर ने अपनी इस बाइक में लोहे का उपयोग किया है, जिससे बाइक मजबूत और टिकाऊ बनी है. बाइक का कुल वजन लगभग 25 किलोग्राम है, जिसमें से 16 किलो लोहे का है. इसके अलावा इसमें 12 वोल्ट की एलईडी लाइट लगाई गई है, जो 20 से 30 फीट तक उजाला करती है. बाइक में रिवर्स बटन भी लगाया गया है, जिससे यह पीछे की ओर भी चल सकती है. जब बाइक खड़ी होती है, तो इसके दोनों टायर लॉक हो जाते हैं, जिससे चोरी की संभावना कम हो जाती है.

चंद्रशेखर ने कबाड़ से बनाई इलेक्ट्रिक बाइक (ETV Bharat Udaipur)

फर्नीचर का काम करने वाले चंद्रशेखर के पिता मदनलाल अपने बेटे की इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर बचपन से ही मकेनिकल काम में रूचि रखते था और पहले भी कुछ मोटर चालित लकड़ी के खिलौने बना चुका था. पिता का कहना है कि एक दिन उन्होंने बेटे से मजाक करते हुए कहा कि सिर्फ खिलौने क्यों बनाता है, बड़ी गाड़ी बना. इसके बाद चंद्रशेखर ने वेल्डिंग मशीन खरीदी और इलेक्ट्रिक बाइक बनाने का काम शुरू किया. बाइक तैयार होने के बाद चंद्रशेखर इसे लेकर उदयपुर के प्रसिद्ध फतेह सागर की पाल पर पहुंचे, जहां लोग उसकी बाइक को देखकर आकर्षित हो गए और उनकी बाइक के बारे में जानकारी लेने लगे. लोग सेल्फी लेने के लिए उनके पास आ रहे थे और चंद्रशेखर की इस सफलता को देखकर प्रभावित हो रहे थे.

150 किलोमीटर तक चल सकती है बाइक (ETV Bharat Udaipur)

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बेहतर प्रदर्शन, सस्ती कीमत :चंद्रशेखर ने बताया कि इस बाइक को बनाने में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, खासकर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, क्योंकि सभी सामग्रियों के लिए पैसे जुटाना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण काम था. हालांकि, उन्होंने इस कठिनाई को पार किया और वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज के प्रेरणादायक वीडियो देखकर अपने हौसले को और भी मजबूत किया. चंद्रशेखर की यह ई-बाइक न केवल किफायती है, बल्कि इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं. उनका कहना है कि इस बाइक को बनाने में कुल 60 हजार रुपये का खर्चा आया है, जो कि बाजार में मिलने वाली ई-बाइक्स के मुकाबले बहुत कम है.

बाइक 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल सकती है. (ETV Bharat Udaipur)

एक सामान्य परिवार में जन्मे चंद्रशेखर जिसकी उम्र महज 19 वर्ष है और पिता फर्नीचर का काम करते हैं, जिसमें चंद्रशेखर भी हाथ बटाता है. चंद्रशेखर की मेहनत और उनके परिवार का सहयोग उनकी इस सफलता की कहानी को और भी प्रेरणादायक बनाता है. अब चंद्रशेखर की यह अनूठी बाइक उदयपुर में आकर्षण का केंद्र बन चुकी है और लोग इसके बारे में जानने के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं. चंद्रशेखर ने साबित कर दिया है कि अगर इरादे बुलंद हों और मेहनत सच्ची हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है.

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